
मुंबई। दुनिया का हर देश कोविड-19 का इलाज ढूंढने का प्रयास कर रहा है इस बीच वैज्ञानिकों ने ब्लड प्लाजमा थेरेपी का परिचय दिया जो कि कोविड-19 के मरीजों को ठीक करने में मददगार साबित हो सकती है। लेकिन अब महाराष्ट्र से इस थेरेपी से जुड़ी ऐसी खबर सामने आ रही है जो इसके कारगर होने पर सवाल उठाती है। दरअसल भारत में पिछले दिनों प्लाज्मा थेरेपी ने आशा की किरण दिखाई थी। लेकिन महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी लेने वाले पहले कोरोना पाजिटिव मरीज की मौत हो गई है।
53 साल के इस मरीज ने मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में 29 अप्रैल को दम तोड़ दिया था। मरीज पिछले कई दिनों से वेंटिलेटर पर था और उसे चार दिन पहले प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी. कोरोना से ठीक हुए मरीज का प्लाज्मा लेकर उस मरीज को 200 एमएल का डोज दिया गया था।
ICMR की चेतावनी के बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री को अब भी है प्लाज़्मा थेरेपी पर भरोसा
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी ICMR की चेतावनी के बावजूद भी प्लाज़्मा थेरेपी पर भरोसा कर रहे हैं। उनके मुताबिक इसके शुरुआती नतीजे अच्छे आए हैं इसलिए वो इसका तकनीक का इस्तेमाल जारी रखेंगे, और इसके क्लीनिकल ट्रायल पर रोक नहीं लगाई जाएगी। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि ICMR ने पहले ही इस थेरेपी से जुड़ी एक चेतावनी जारी की थी जिसके मुताबिक मरीजों पर यह तकनीक जानलेवा साबित हो सकती है।
महाराष्ट्र का मामला अरविंद केजरीवाल को एक सबक
महाराष्ट्र से प्लाज़्मा थेरेपी के नाकामयाब साबित होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। इस तकनीक के सहारे दिल्ली को उबारने का रास्ता ढूंढ रही दिल्ली सरकार अब किस रास्ते पर जाएगी।
थेरेपी फेल होने पर क्या बोले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री
दूसरी तरफ उधर, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि ICMR की मंजूरी के बाद कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि प्लाज्मा थेरेपी से मरीज के ठीक होने का अब तक ठोस प्रमाण सामने नहीं आया है और इसे प्रायोगिक तौर पर उपयोग किया जा रहा है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में हर दिन कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। जिसको देखते हुए राज्य सरकार चिंतित है।