नई दिल्ली। कोरोनावायरस दुनिया के लगभग हर देश को अपनी चपेट में ले चुका है। कहीं संक्रमण के मामले कम हैं तो कहीं ज्यादा। मगर पूरी दुनिया इस महामारी का प्रकोप झेल रही है। इसी के चलते पूरी दुनिया में इस वक्त कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन तैयार की जा रही है।
भारत भी उनमें शामिल एक देश है, लेकिन इसके साथ ही अब भारत में होम्योपैथी का भी इस लड़ाई में इस्तेमाल किया जा रहा है। होम्योपैथी की मदद से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने के साथ ही साथ इसे मजबूत भी किया जा रहा है, जिससे ना केवल कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ठीक किया जा रहा है बल्कि नए मामले भी कम सामने आ रहे हैं।
डॉ जवाहर शाह पिछले 40 वर्षों से भी ज्यादा वक्त से मुंबई में होम्योपैथी की प्रैक्टिस कर रहे हैं। डॉ शाह ने दुनिया भर में फैले करीब 100 होम्योपैथी डॉक्टर्स के साथ मिलकर एक खास सेट ऑफ मेडिसिन या दवा (CK1 और CK2) डेवेलप की है। ये दवा मानव शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने का काम करती है जिससे कोई बीमारी आपके आसपास नहीं आ सकती।
दवा की ये पूरी किट 22000 पुलिस वालों को, 4000 फायर ब्रिगेड के मेंबर्स को, धारावी में रहने वाले 2000 लोगों को मिलाते हुए अभी तक कुल 1 लाख से ज्यादा लोगों को दी जा चुकी है। ये दवा psycho neuro endocrine पर असर करती है। इस दवा को आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन के आधार पर ही डेवलप किया गया है।
आयुष मंत्रालय द्वारा प्रमाणित आर्सेनिक एलगम और कैम्फर M1 इस दवा में शामिल किया गया है, जिसकी डिमांड आजकल विदेशों में भी बनी हुई है। इस दवा की सबसे खास बात ये है कि इसे महीने में सिर्फ एक बार ही लेनी है, जिसका कोर्स 6 दिन का है। पहले CK1 दवा को लगातार तीन दिन लेनी है। इसे दिन में तीन बार लेनी है। इसके बाद CK2 का इस्तेमाल भी लगातार तीन दिन करना है। इसे भी दिन में तीन बार ही लेनी है। इस तरह एक महीने में इस दवा का कोर्स 6 दिनों का है।