नई दिल्ली। अमेरिका का चीन पर आरोप है कि कोरोना वायरस चीन स्थित वुहान की लैब में तैयार किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी लगातार यह आरोप लगा रहे हैं। लेकिन इसके उलट अमेरिका के वैज्ञानिक जोर देकर कह रहे हैं कि यह वायरस प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ। इसके लिए वे अपनी रिसर्च का हवाला भी दे रहे हैं।
स्टैनफोर्ड मेडिकल स्कूल में संक्रामक रोगों के प्रोफेसर डॉ.रॉबर्ट शेफर ने एबीसी न्यूज को बताया कि यह मानने का कोई कारण नहीं है कि यह वायरस प्रयोगशाला में तैयार किया गया हो। वह कहते हैं कि प्रकृति में कई तरह की चीजें मौजूद होती हैं जो इस प्रकार की महामारी का कारण बन सकती हैं।
इसके साथ ही डॉ. रॉबर्ट गैरी जो कि ट्यूलन स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर हैं, वह भी अमेरिका सरकार के दावों को खारिज कर रहे हैं। वे कहते हैं कि ऐसा कोई प्रमाण या संकेत नहीं है कि कोविड-19 जैविक हथियार के तौर पर बनाया गया हो। वह कहते हैं कि एक विशेष तरह का म्यूटेशन इस वायरस को इतना खतरनाक व घातक बना रहा है।
गैरी के मुताबिक शुरुआत में कुछ लोगों का अनुमान था कि शायद इस वायरस को लैब में तैयार किया गया हो, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं बिल्कुल नहीं है। गैरी के अलावा अन्य वैज्ञानिक भी मानने को तैयार नहीं हैं कि वायरस को चीन ने अपनी लैब में बनाया है।