newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

UP Election 2022: BJP का दामन छोड़ते ही स्वामी प्रसाद मौर्य की बढ़ी मुश्किलें, गिरफ्तारी का वारंटी जारी

UP Election 2022: दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, एमपीएमलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इतना ही नहीं सुल्तानपुर के कोर्ट ने उनको आगामी 24 जनवरी तक हाजिर होने का आदेश दिया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य पर पिछले कई साल से धार्मिक भावना भड़काने का मुकदमा चल रहा है।

नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembley Election 2022) की तारीखों का ऐलान होने के बाद दलबदल का खेल शुरु हो चुका है। सभी दलों के नेता दूसरे खेमे में जाने की तैयारी में जुट गए हैं। हाल ही में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा का दामन छोड़ दिया था। इतना ही नहीं मौर्य ने पार्टी छोड़ते ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। हालांकि उन्होंने अभी किसी पार्टी में शामिल होने के साफ संकेत नहीं दिए हैं। लेकिन माना जा रहा है कि वो समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो सकते हैं। मगर किस पार्टी का दामन वो थामेंगे इसका ऐलान 14 जनवरी को करेंगे। वहीं भाजपा का दामन छोड़ने वाले स्वामी मौर्य अब मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं।

Swami Prasad

दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, एमपीएमलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इतना ही नहीं सुल्तानपुर के कोर्ट ने उनको आगामी 24 जनवरी तक हाजिर होने का आदेश दिया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य पर पिछले कई साल से धार्मिक भावना भड़काने का मुकदमा चल रहा है। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी में रहते देवी-देवताओं का पूजन न करने का विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। बता दें कि स्वामी मौर्य साल 2016 में बसपा का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने तोड़ा BJP से नाता, डिप्टी CM केशव प्रसाद बोले- जल्दबाजी में लिए हुए फैसले अक्सर गलत होते हैं

इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया सामने आई थी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ”आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूँ उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।”