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Ire On Dance: जनरल बिपिन रावत और जवानों का हो रहा था अंतिम संस्कार, महिलाओं संग नाच रही थीं प्रियंका !

सवाल ये है कि क्या प्रियंका को जवानों के साथ हुए हादसे की खबर नहीं थी, या उनके लिए चुनाव इन जवानों से ज्यादा महत्वपूर्ण है ? ऐसे सवालों का जवाब कांग्रेस पहले भी नहीं देती थी और अब भी जवाब मिलने की उम्मीद कम ही है।

मांड गांव (गोवा)। साल 2008 की राहुल गांधी की एक घटना पर कांग्रेस आज तक सवालों से बचती है। ठीक वैसी ही घटना राहुल की बहन और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को कर दी। शुक्रवार को सीडीएस बिपिन रावत और उनके साथ हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले जवानों का अंतिम संस्कार हो रहा था। पूरा देश गमगीन था, लेकिन प्रियंका गांधी गोवा में हंस-हंसकर महिलाओं के साथ डांस कर रही थीं। इससे पहले खबर आई थी कि 2008 में जब मुंबई पर सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ, तो राहुल गांधी पार्टी कर रहे थे। बहरहाल, सोशल मीडिया पर प्रियंका का डांस छा गया। लोग लानत-मलामत करने लगे। इसका पता जब चला, तो दिन में डांस करने वाली प्रियंका गांधी ने शाम को एक अन्य कार्यक्रम में दिवंगत जवानों की याद में दो मिनट की जगह एक मिनट का मौन रख लिया।

Priyanka Gandhi

अब बताते हैं आपको प्रियंका के डांस का पूरा माजरा। दरअसल, गोवा में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। यहां प्रियंका प्रचार करने पहुंची थीं। मांड गांव में आदिवासी महिलाओं के साथ उनका एक कार्यक्रम था। वहीं, कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने प्रियंका की खुशी के लिए महिलाओं का डांस कराया। प्रियंका भी इस डांस में शामिल हो गईं। चौड़ी सी स्माइल देते हुए वो भी महिलाओं के साथ नाचने लगीं। सोशल मीडिया के जमाने में भला ये सब कैसे छिप सकता है। इस वजह से तुरंत प्रियंका का डांस वायरल हो गया। लोग लानत भेजने लगे। तमाम कांग्रेसियों ने भी प्रियंका के डांस को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया था, लेकिन जब देखा कि सोशल मीडिया पर लोग नाराजगी जता रहे हैं, तो उन्होंने ट्वीट को डिलीट कर दिया।

शाम को गोवा के आकेम के कोस्टा ग्राउंड पर प्रियंका का महिलाओं के साथ प्रियदर्शिनी नाम से संवाद था। इस कार्यक्रम में दिन के डांस वाले मामले को दबाने के लिए प्रियंका ने दिवंगत जवानों और जनरल रावत के लिए सहानुभूति के दो बोल बोले और एक मिनट के मौन का एलान कर सिर झुका लिया। सवाल ये है कि क्या प्रियंका को जवानों के साथ हुए हादसे की खबर नहीं थी, या उनके लिए चुनाव इन जवानों से ज्यादा महत्वपूर्ण है ? ऐसे सवालों का जवाब कांग्रेस पहले भी नहीं देती थी और अब भी जवाब मिलने की उम्मीद कम ही है।