नई दिल्ली। विपक्षी दल लगातार आरोप लगाते हैं कि केंद्र में मोदी सरकार के दौर में बीते 10 साल में बेरोजगारी बढ़ी है। अब एक वरिष्ठ पत्रकार ने आंकड़े जारी कर बताया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौर से ज्यादा रोजगार मोदी सरकार के वक्त युवाओं को मिला है। पत्रकार पल्लवी घोष ने एक्स पर पोस्ट कर बताया है कि 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार के केंद्र में रहते 2.9 करोड़ अतिरिक्त रोजगार सृजन हुआ था। उन्होंने बताया है कि वहीं, 2014 से 2024 तक मोदी सरकार के वक्त 17.19 करोड़ अतिरिक्त रोजगार का सृजन हुआ। आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल यानी 2023-24 में ही मोदी सरकार ने 4.6 करोड़ रोजगार का सृजन किया। आंकड़ों के मुताबिक कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौर में 2004 से 2014 तक रोजगार में बढ़ोतरी 6 फीसदी रही थी। जबकि, मोदी सरकार के 10 साल के शासन में 36 फीसदी की दर से रोजगार बढ़ा है।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 2024 में एलान किया था कि 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसमें से अब तक पीएम मोदी ने 8.5 करोड़ से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र विभिन्न रोजगार मेलों में सौंपे हैं। साथ ही मोदी सरकार के दौर में निजी क्षेत्र में भी रोजगार काफी बढ़ा है। श्रम मंत्रालय के मुताबिक ईपीएफओ में अगस्त 2024 में नए सदस्यों की संख्या सालाना आधार पर 9.07 फीसदी बढ़ी थी। ये आंकड़ा 18.53 लाख हो चुकी थी। श्रम मंत्रालय ने बताया था कि ईपीएफओ ने अगस्त 2024 में करीब 9.30 लाख नए सदस्यों को जोड़ा। साथ ही करीब 13.54 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकल गए थे। वे भी फिर से शामिल हो गए। यह आंकड़ा सालाना आधार पर 14.03 फीसदी की बढ़ोतरी है।
साल 2014 में मोदी सरकार के बनने के बाद लगातार विपक्षी दल आरोप लगाते रहे हैं कि रोजगार खत्म हो रहा है। नए रोजगार की संभावनाएं भी न होने का आरोप विपक्ष ने लगाया था। राहुल गांधी ने तो ये दावा तक किया था कि मोदी सरकार एचएएल जैसे अहम रक्षा संस्थान को भी बंद करने की तैयारी कर रही है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बल्कि एचएएल को लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं और वो फायदे में है। फिलहाल यूपीए सरकार बनाम मोदी सरकार के रोजगार के आंकड़े विपक्ष के दावों को झुठलाते दिख रहे हैं।