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Congress: चुनाव में पराजय के बाद भी आत्मनिरीक्षण की जगह आत्मविश्वास बढ़ा रहे हैं कांग्रेस प्रवक्ता, BJP नेता ने दिखाया आईना

Congress : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ही देख लीजिए कि जहां अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी का जनाधान बढ़ा है, तो वहीं कांग्रेस महज 2  सीटों पर ही सिमट कर ही गई है। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता अजय दूबे ने कहा कि हमारी पार्टी की तरफ से विवेचना किया जा रहा है।

नई दिल्ली। सभी चुनावी सूबों में हार का मुंह देखने के बाद अपनी सियासी स्थिति का अवलोकन करने के बजाय देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस विजयी घोषित पार्टी बीजेपी पर छींटाकाशी करने से बाज नहीं आ रही है। यह समय की जरूरत है कि पार्टी अपनी मौजूदा स्थिति को संबल बनाने की दिशा में कोशिशों को धरातल पर उतारे, लेकिन पार्टी के कर्ताधर्ता को इन सभी अहम मसलों से कोई सरोकार नहीं है। कल तक जिस पार्टी का डंका पूरे देश में बजता था, आज वह महज कुछ ही सूबों तक ही सिमट कर रह गई है, लेकिन इन सभी से बेखबर पार्टी अभी-भी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने की ही हिमातक दिखा रही है। अब सवाल यह है कि कांग्रेस को इसका फायदा मिलता है। तो उत्तर प्रदेश समेत पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे ये बयां करने के लिए पर्याप्त हैं कि नहीं मिलता, तो सवाल यह है कि आखिर पार्टी ऐसा फिर क्यों करती है, अब यह तो फिलहाल पार्टी के कर्ताधर्ता ही बता पाएंगे। लेकिन आप जरूर ये सोच में पड़ गए होंगे कि आप ये सब हमें क्यों बता रहे होंगे।

दरअसल, पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद बहस का सिलसिला शुरू हो चुका है कि आखिर क्यों देश की सबसे पुरानी पार्टी को अनवरत हार का मुंह देखना पड़ रहा है। आखिर इसके पीछे की वजह क्या है। इसी कड़ी में  एंकर अंजना ओम कश्यप के कार्यक्रम में कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं को बहस में आमंत्रित में किया गया था। बहस का विषय था कि आखिर क्या वजह है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी का जनाधार अनवरत कम होता जा रहा है, तो इस पर कांग्रेस प्रवक्ता अजय दुबे ने बेहद ही अप्रसांगिक जवाब दिया है। अपनी खामियों का इकबाल करने की जगह वे सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नाम तारीफों के कसीदे पढ़ने लगे। दूबे फिर बिना कोई जवाब दिए बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया को सवालों के कठघरे में खड़ा करने लगे। उन्हें पर निशाना साधने लगे और बीजेपी की विफलता को रेखाकिंत करने लगे। लेकिन कांग्रेस प्रवक्त ने उन सभी सवालो से पीछा छुड़ाने लगे। उधर, एंकर की तरफ से जब पूछा गया कि चलिए बीजेपी की तमाम खामियों को स्वीकार अगर कर भी लिया जाए।  तो आपकी पार्टी ( कांग्रेस) का जनाधार कहां बढ़ रहा है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ही देख लीजिए कि जहां अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी का जनाधार बढ़ा है, तो वहीं कांग्रेस महज 2  सीटों पर ही सिमट कर ही गई है। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता अजय दूबे ने कहा कि हमारी पार्टी की तरफ से विवेचना किया जा रहा है। उनके इस जवाब के बाद एंकर की तरफ से पूछा गया कि वर्तमान में पार्टी का नेतृत्व कौन कर रहा है, तो इस पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की अगुवाई विचाराधारा कर रही है, जिसमें समाज के प्रत्येक वर्ग का विकास निहित है। वहीं, इसके बाद ये डिबेट प्रियंका गांधी तक जा पहुंची। आइए, आगे आपको बताते हैं कि आखिर प्रियंका गांधी के संदर्भ में क्या कुछ बहस निकली है। लेकिन सबसे पहले आप ये जान लीजिए कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पूर्व प्रियंका गांधी देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के लिए कथित तौर पर उम्मीद की किरण बनकर उभरी थीं।

जिस तरह उन्होंने हर मसले को लेकर बीजेपी के विरोध में उठाने के लिए अपना जीजान लगा दिया था। हर मसले को लेकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया था और जिस तरह उन्होंने चुनाव से ऐन पहले लड़की हूं और लड़ सकती हूं, का नारा देकर चुनाव में 40 फीसद से भी अधिक महिला मतदाताओं को चुनाव में उतारने का फैसला किया था, उसे लेकर पार्टी को कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं हो पाई है। चुनाव में फतह पाने के लिए तमाम तरह के दांव चले गए, लेकिन अफसोस चुनावी नतीजों ने ये बयां कर दिया कि पार्टी का कोई भी दांव सफल नहीं हुआ। खैर, अब इन चुनावी नजीजों के बाद पार्टी अपनी सियासी स्थिति को दुरूस्त करने हेतु क्या कुछ कदम उठाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।