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Opposition Meet: विपक्षी दलों की बैठक में लोकसभा सीट बंटवारे पर फिर ढाक के तीन पात, 2 प्रस्ताव तो आए पर फैसला नहीं हो सका

अब इन दोनों प्रस्तावों पर भोपाल में होने वाली विपक्षी नेताओं की बैठक में आगे चर्चा होने की संभावना है। कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में 12 दलों के नेता थे। जबकि, विपक्षी गठबंधन में 28 पार्टियां शामिल हैं। बैठक में फिलहाल ये तय हुआ कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में विपक्ष की साझा रैली भोपाल में की जाए।

नई दिल्ली। विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की कोऑर्डिनेशन कमेटी की बुधवार शाम एनसीपी नेता शरद पवार के आवास पर हुई बैठक में भी अहम मसले यानी सीटों के बंटवारे पर मामला ढाक के तीन पात जैसा ही रहा। इस बैठक में विपक्षी दलों के बीच लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर 2 प्रस्ताव आए। इन प्रस्तावों पर कोई फैसला नहीं हो सका। पहला प्रस्ताव तो ये कि हर राज्य में वहां की पार्टियां आपस में सीटों के बंटवारे पर समझौता करें। दूसरा प्रस्ताव उमर अब्दुल्ला ने ये दिया कि जिन सीटों पर पिछले लोकसभा चुनाव में विपक्षी सांसद जीते थे, उनको सीट बंटवारे से अलग रखा जाए और सिर्फ उन्हीं सीटों के बंटवारे पर फैसला हो, जिनपर बीजेपी या एनडीए के सांसद जीते थे।

अब इन दोनों प्रस्तावों पर भोपाल में होने वाली विपक्षी नेताओं की बैठक में आगे चर्चा होने की संभावना है। कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में 12 दलों के नेता थे। जबकि, विपक्षी गठबंधन में 28 पार्टियां शामिल हैं। बैठक में फिलहाल ये तय हुआ कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में विपक्ष की साझा रैली भोपाल में की जाए। भोपाल को इसलिए चुना गया है, क्योंकि वहां आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर भी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान को लेकर विपक्षी खेमे में बड़ा पेच फंसा हुआ है। ये पेच गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी ने फंसाया है। आम आदमी पार्टी ने तय किया है कि वो इन तीनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। इसी को लेकर कांग्रेस से उसकी ठन सकती है।

opposition Leader

विपक्षी गठबंधन में ये पेच सिर्फ मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में ही नहीं फंसा है। दिल्ली और पंजाब में भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट बंटवारे की उम्मीद अभी नहीं दिख रही। इसके अलावा ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि पश्चिम बंगाल में वो सीपीएम के साथ कोई समझौता नहीं करने वाली हैं। बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी भी लगातार ममता पर निशाना साध रहे हैं। यूपी में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ा विपक्षी दल है। कांग्रेस की हालत यहां खस्ता है। ऐसे में सीटों के बंटवारे पर यूपी में भी पेच फंस सकता है।