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Rajnath Ladakh Visit: 1962 भारत-चीन युद्ध के ‘वॉर हीरो’ का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐसे किया सम्मान, लोग हुए कायल, (Video)

Rajnath Ladakh Visit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का 13 कुमाऊं के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आर वी जातर के प्रति ये सम्मान देखकर लोग उनके कायल हो गये हैं। सोशल मीडिया पर ये वीडियो इस वक्त वायरल हो गया है। आपको बता दें कि सेना की 13 कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी ने 18 नवंबर 1962 को लद्दाख में रेजांग ला दर्रे पर चीनी सैनिकों के हमले का जवाब दिया था।

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे हैं, जहां वे पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में नए सिरे से बने युद्ध स्मारक का उद्घाटन करेंगे। यहीं पर भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का वीरता से मुकाबला किया था। आज ही रेंजागल लड़ाई को 59 साल पूरे हो रहे है। 1962 की रेजांग ला की लड़ाई की 59वीं वर्षगांठ पर भारत को एक नया पुनर्निर्मित युद्ध स्मारक मिलने जा रहा है। मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 13 कुमाऊं की टुकड़ियों ने 1962 के युद्ध के दौरान चीनी सेना के कई सैनिकों को मार गिराया था। इसी दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 13 कुमाऊं के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आर वी जातर से मुलाकात की।

आपको बता दें कि प्रसिद्ध पौराणिक युद्ध की वर्षगांठ 18 नवंबर को मनाई जाती है। इसी अवसर पर लेह पहुंचने के बाद राजनाथ सिंह ने 13 कुमाऊं के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आर वी जातर से मुलाकात की। आर वी जातर 1962 के भारत-चीन संघर्ष में बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी। आर वी जातर इस वक्त व्हील चेयर पर चलते हैं।  रिटायर्ड ब्रिगेडियर आर वी जातर के व्हील चेयर को लेकर खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आगे बढ़ने लगे।

देखिये वीडियो

खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट कर कहा गया है कि मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे रेज़ांग ला की लड़ाई में बहादुरी से लड़े ब्रिगेडियर (रिटा.) आर. वी. जटार से भेंट करने का अवसर मिला। वे उस समय कम्पनी कमांडर थे। उनके प्रति सम्मान के भाव से मैं अभिभूत हूँ और उनके साहस को मैं नमन करता हूँ। ईश्वर उन्हें स्वस्थ रखे और दीर्घायु करें।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का 13 कुमाऊं के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आर वी जातर के प्रति ये सम्मान देखकर लोग उनके कायल हो गये हैं। सोशल मीडिया पर ये वीडियो इस वक्त वायरल हो गया है। आपको बता दें कि सेना की 13 कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी ने 18 नवंबर 1962 को लद्दाख में रेजांग ला दर्रे पर चीनी सैनिकों के हमले का जवाब दिया था। सेना की इस टुकड़ी में 120 सैनिक थे, जिनका नेतृत्व मेजर शैतान सिंह ने किया था। इस लड़ाई में टुकड़ी के कुल सैनिकों में से 110 शहीद हो गए थे। चार्ली कंपनी के पराक्रम से न केवल चीन को आगे बढ़ने से रोका जा सका बल्कि चुशुल हवाई अड्डे को भी बचाने में कामयाबी मिली। रेजांग ला पर कब्जा करने के प्रयास में चीन के कुल 1,300 सैनिक मारे गए थे।


जिन सैनिकों ने इस लड़ाई में अपना बलिदान दिया था उनकी याद में बनाया गया पूर्वी लद्दाख सेक्टर में रेजांग ला वॉर मेमोरियल छोटा था लेकिन अब इसका विस्तार किया गया है. ये अब पहले से काफी बड़ा है और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर दिखाई देगा. रक्षामंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ युद्ध स्मारक का उद्घाटन करेंगे। रेजांग ला में पुनर्निर्मित युद्ध स्मारक के उद्घाटन के कदम को उस क्षेत्र में भारत की ताकत के प्रदर्शन के रूप में देखा जाता है, जो चीनी क्षेत्र के बेहद करीब है।

इतना ही नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 13 कुमाऊं के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आर वी जातर का पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। जिसकी तस्वीर खुद आर वी जातर के पोते ने सोशल मीडिया पर साझा किया है ।