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कंटेनमेंट जोन के अलावा दूसरी जगहों पर दिल्ली में पटरी पर लौटेगा जनजीवन, सरकार ने तैयार किया प्लान

कंटेनमेंट जोन की पहचान भी केंद्र सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से ही की जाती है। दिल्ली में लगभग 97 कंटेनमेंट जोन है। सरकार की योजना है कि इन्हें सील कर दिया जाए और बाकी जगहों पर स्थितियां तेजी से सामान्य की जाएं।

नई दिल्ली। दिल्ली में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर दूसरी जगहों पर स्थितियों को तेजी से सामान्य करने की पहल की जा रही है। यहां पर दुकानें, बाजार आदि धीरे-धीरे खोल दिए जाएंगे। हालांकि दिल्ली रेड जोन में हैं मगर तेजी से प्रभावित होती अर्थव्यवस्था के मद्देनजर सरकार इस बात पर विचार कर रही है। दिल्ली में राजस्व तेजी से घटा है। कुल राजस्व का महज दस फीसदी ही दिल्ली को मिल रहा है। यही हाल दूसरे भी राज्यों का है।

Madhya Pradesh Lockdown

ऐसे में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर दूसरी जगहों पर बड़ी  रियायत देने की तैयारी है। कंटेनमेंट जोन इलाकों के हिसाब से तय होता है। मसलन, अगर किसी कॉलोनी, मोहल्ले, वार्ड, गांव या गली में कोरोना संक्रमण काफी ज्यादा फैल रहा हो या किसी जिले के कुछ चुनिंदा इलाकों में ही कोरोना के ज्यादा केस आ रहे हों तो स्थानीय प्रशासन ऐसे इलाकों को अपने हिसाब से कंटेनमेंट जोन की श्रेणी में रख लेता है।

corona

कंटेनमेंट जोन की पहचान भी केंद्र सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से ही की जाती है। दिल्ली में लगभग 97 कंटेनमेंट जोन है। सरकार की योजना है कि इन्हें सील कर दिया जाए और बाकी जगहों पर स्थितियां तेजी से सामान्य की जाएं। इन कंटेनमेंट जोन  में खाने-पीने की चीजें, दूध और मेडिकल स्टोर को ही इजाजत दी जाती है। जरूरत की चीजें भी प्रशासन होम डिलीवर करता है। उसी के हिसाब से सब इंतजाम किए जाते हैं।

Delhi Lockdown

देश में 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है। लेकिन लॉकडाउन के तीसरे चरण में देश के अलग-अलग इलाकों को रेड, ग्रीन व ऑरेंज जोन में रखकर कई छूट भी दी गई है। कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन सबसे ज्यादा सख्ती से लागू किया जाता है। दिल्ली में इसी व्यवस्था को लागू करने  पर विचार किया जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी मांग भी की है।