Satyendra Jain: केजरीवाल के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को दिल्ली हाईकोर्ट से भी झटका, नहीं मिली मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत
सत्येंद्र जैन को अब जमानत के लिए सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का ही सहारा बच गया है। वहां से भी उनको राहत मिलनी मुश्किल ही लगती है। दरअसल, ईडी ने सत्येंद्र जैन के बारे में तमाम सबूत जुटाए हैं। कोर्ट में इन्हीं सबूतों की बिनाह पर सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जियां एक-एक कर खारिज होती जा रही हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन को अब दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग केस (पीएमएलए) में जमानत देने से इनकार कर दिया है। सत्येंद्र जैन इस मामले में 30 मई 2022 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद हैं। इससे पहले विशेष अदालत ने सत्येंद्र जैन को 17 नवंबर 2022 को जमानत देने से इनकार कर दिया था। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने सत्येंद्र जैन के अलावा उनके सह आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन को भी जमानत देने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि तीनों आरोपी पीएमएलए के तहत दो शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। कोर्ट ने कहा कि सत्येंद्र जैन काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वो सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। जांच के मौजूदा स्तर पर वो भी पीएमएलए की दो शर्तों को पूरा करते नहीं दिखते।
“Satyendar Jain is an influential person and has the potential of tampering with evidence. The petitioner (Jain), at this stage, can’t be held to clear the twin conditions of PMLA,” the court said.#Satyendarjain #DelhiHighCourt
— Live Law (@LiveLawIndia) April 6, 2023
सत्येंद्र जैन को अब जमानत के लिए सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का ही सहारा बच गया है। वहां से भी उनको राहत मिलनी मुश्किल ही लगती है। दरअसल, ईडी ने सत्येंद्र जैन के बारे में तमाम सबूत जुटाए हैं। कोर्ट में इन्हीं सबूतों की बिनाह पर सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जियां एक-एक कर खारिज होती जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले दिनों पीएमएलए के तहत आरोपी को जमानत न मिलने के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज की थी। कोर्ट ने कहा था कि वो इस मामले में कानून को बदल नहीं सकता।
सत्येंद्र जैन के अलावा केजरीवाल सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया भी शराब घोटाले के आरोप में जेल में हैं। सिसोदिया ने भी सीबीआई की विशेष अदालत से जमानत न मिलने पर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब सबकी नजर इसपर है कि क्या सिसोदिया को जमानत मिलती है, या दिल्ली हाईकोर्ट उनकी अर्जी को भी सत्येंद्र जैन की तरह ठुकरा देता है।