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Jolt To PFI: देश विरोधी गतिविधियों के आरोपों में घिरे PFI को झटका, दिल्ली पुलिस बोली-अगर किया ये काम तो…

हाल के दिनों में कई हिंसक घटनाओं में पीएफआई की तरफ अंगुली उठी है। इससे पहले दिल्ली में हुए दंगों और सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में भी संगठन के शामिल होने की बात सामने आ चुकी है। कर्नाटक में हाल में हुई बीजेपी के युवा नेता की हत्या के मामले में भी राज्य सरकार ने पीएफआई की भूमिका बताई है।

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने आज राजधानी में होने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI के एक कार्यक्रम को मंजूरी देने से मना कर दिया है। पुलिस ने कहा है कि अगर कार्यक्रम करने की कोशिश हुई, तो वो आयोजन करने और उसमें शामिल होने वालों पर कार्रवाई करेगी। इस कार्यक्रम के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद VHP ने पुलिस से शिकायत की थी। पीएफआई का कार्यक्रम दिल्ली के झंडेवालान इलाके की रानी झांसी रोड स्थित अंबेडकर भवन में होने वाला था। इस कार्यक्रम का नाम ‘सेव द रिपब्लिक पीपुल्स कॉन्फ्रेंस’ दिया गया था। दोपहर 2.30 बजे से पीएफआई ने यहां लोगों को इकट्ठा होने का संदेश पोस्टरों और पैम्फलेट्स के जरिए दिया था।

pfi delhi programme poster

कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिलते ही वीएचपी ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा था। वीएचपी की तरफ से पुलिस से कहा गया था कि पीएफआई पर पूरे देश में संदिग्ध गतिविधियां चलाने का आरोप है। देश में हुई हिंसा की तमाम घटनाओं के मामले में कई राज्यों में संगठन के खिलाफ जांच चल रही है। वीएचपी ने चिट्ठी में लिखा था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली में इस तरह के कार्यक्रमों से वातावरण खराब हो सकता है। इसलिए पीएफआई के इस प्रोग्राम पर तुरंत रोक लगाई जाए। वीएचपी की ओर से शुक्रवार को चिट्ठी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने देर रात प्रोग्राम को मंजूर न देने का फैसला किया।

बता दें कि हाल के दिनों में कई हिंसक घटनाओं में पीएफआई की तरफ अंगुली उठी है। इससे पहले दिल्ली में हुए दंगों और सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में भी संगठन के शामिल होने की बात सामने आ चुकी है। कर्नाटक में हाल में हुई बीजेपी के युवा नेता की हत्या के मामले में भी राज्य सरकार ने पीएफआई की भूमिका बताई है। इस मामले में गिरफ्तार दो लोगों में से एक के परिजनों ने बताया है कि वो पीएफआई से जुड़ा है। वहीं, बिहार में गजवा-ए-हिंद की साजिश रचने में भी पीएफआई का नाम आया है। हालांकि, पीएफआई हर बार कहता है कि उसका इस तरह की गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है।