मुंबई। देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में महायुति सरकार के सीएम होंगे। पहले बीजेपी की कोर कमेटी ने देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का सीएम बनाने के फैसले पर मुहर लगाई। इसके बाद मुंबई में बीजेपी विधायक दल की बैठक में देवेंद्र फडणवीस को नेता चुना गया। देवेंद्र फडणवीस को बीजेपी विधायक दल का नेता चुनने का प्रस्ताव चंद्रकांत पाटिल और सुधीर मुंगेंटीवार ने पेश किया। जबकि, एमएलसी पंकजा मुंडे, आशीष शेलार और बीजेपी के अन्य विधायकों ने देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से भेजे गए पर्यवेक्षक विजय रूपाणी ने देवेंद्र फडणवीस के नाम का एलान बतौर नेता विधायक दल किया।
Devendra Fadnavis unanimously elected as the Leader of Maharashtra BJP Legislative Party. pic.twitter.com/015hrTDxtn
— ANI (@ANI) December 4, 2024
#WATCH | Maharashtra: Celebrations outside the residence of BJP leader Devendra Fadnavis, in Nagpur.
He has been unanimously elected as the Leader of Maharashtra BJP Legislative Party. pic.twitter.com/cIfDPDN3Tr
— ANI (@ANI) December 4, 2024
महाराष्ट्र की महायुति सरकार का 5 दिसंबर यानी गुरुवार को मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण होगा। महायुति सरकार की तरफ से देवेंद्र फडणवीस सीएम बनेंगे। जबकि, शिवसेना के एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजित पवार को डिप्टी सीएम का पद मिलेगा। ये तीन लोग ही गुरुवार को शपथ लेंगे। अन्य मंत्रियों के नाम तय करने के बाद शपथ दिलाई जाएगी। बताया जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से सरकार में 22 मंत्री होंगे। गृह विभाग भी बीजेपी के ही पास रहेगा। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष का पद भी बीजेपी को मिलेगा। आशीष शेलार को बीजेपी विधायक दल का मुख्य सचेतक यानी चीफ व्हिप चुना गया है।
Ashish Shelar to be the chief whip of Maharashtra BJP. pic.twitter.com/Zfx5VI9kpt
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया है। महायुति की तरफ से बीजेपी ने 132 सीटें हासिल की हैं। जबकि, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 57 और अजित पवार की एनसीपी को 411 सीटों पर जीत मिली है। वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी में उद्धव ठाकरे की पार्टी को सबसे ज्यादा 20 और शरद पवार की पार्टी को सबसे कम 10 सीटें मिली हैं। हालत ये है कि महाविकास अघाड़ी की कोई भी पार्टी विधानसभा में नेता विपक्ष का पद तक हासिल नहीं कर सकती। इसकी वजह ये है कि किसी को भी 10 फीसदी सीटें नहीं मिली हैं।