नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) के पास पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी छोर पर ‘डिसइंगेजमेंट’ मतलब सैनिकों को कम करने की प्रक्रिया चीन और भारत दोनों तरफ से तेजी के साथ शुरू हो चुकी है। गुरुवार को इस मामले से संबंधित एक वीडियो भी सामने आया था। जिसमें दिखाई दे रहा था कि दोनों देशों की सेनाओं के टैंक मौजूदा स्थिति से वापस जा रही थीं। वहीं इसको लेकर दोनों तरफ से आधिकारिक बयान दिया जा चुका है। दोनों देशों की तरफ से कोशिश है कि सीमा पर तनाव कम किया जाय। वहीं इस दिशा में डिसइंगेजमेंट अहम कदम माना जा रहा है। इन सबके बीच, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने एलएसी पर ‘डिसइंगेजमेंट’ को लेकर खड़े किए, जिस पर अब शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस पर विस्तृत जवाब दिया गया है।
बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने राहुल के सवालों पर जवाब देते हुए कहा है कि, मीडिया और सोशल मीडिया में पैंगोंग त्सो लेक में मौजूदा में चल रहे डिसइंगेजमेंट को लेकर कुछ गलत सूचनाएं और भ्रमित टिप्पणियां चल रही हैं। इसको लेकर रक्षा मंत्रालय ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि संसद के दोनों सदनों में रक्षा मंत्री की तरफ से तथ्यात्मक स्थिति साफ कर दी गई है।
Detailed statement by the defence ministry on the disengagement with China at Ladakh.
“RM statement also made clear that there are outstanding problems to be addressed, including at Hot Springs, Gogra and Depsang. These are to be taken up within 48 hrs of Pangong disengagement” pic.twitter.com/UsARDEgnBW
— Manu Pubby (@manupubby) February 12, 2021
रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि, जिस तरह से सोशल मीडिया और मीडिया में LAC को लेकर गलत खबरें चल रही है, जिसका खंडन करना जरूरी है। मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि, “यह आवश्यक हो गया है कि सोशल मीडिया और मीडिया पर जो फेक सूचनाएं चल रही हैं, उसको काउंटर किया जाए। भारत का क्षेत्र फिंगर 4 तक है यह सरासर गलत है। भारत के नक्शे में भारत का क्षेत्र है, जिसमें वर्तमान में 43 हजार स्क्वायर किलोमीटर जमीन चीन की तरफ से साल 1962 से अवैध रूप से कब्जे में है।”
मंत्रालय ने कहा है कि, वास्तविक नियंत्रण रेखा फिंगर 8 तक है ना कि फिंगर 4 तक। इसलिए भारत लगातार फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग अधिकार बहाल रख है, जिसमें वर्तमान में चीन के साथ वर्तमान में हुआ समझौता शामिल है। भारत की तरफ धान सिंह थापा पोस्ट फिंगर 3 के पास है और चीन की तरफ फिंगर-8 के पूर्व में है। वर्तमान समझौता दोनों पक्षों द्वारा आगे सेना की तैनाती को रोकने और परमानेंट पोस्ट पर जवानों की तैनाती को बनाए रखने की है। रक्षा मंत्री ने भी इस बारे में स्पष्ट किया है कि हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग समेत लंबित मुद्दों का समाधान किया जाएगा। पैंगोंग त्सो में डिसइंगेजमेंट के 48 घंटे के बाद अन्य लंबित मुद्दों को उठाया जाएगा।
बता दें कि रक्षा मंत्रालय की सफाई राहुल गांधी के उस बयान पर आई है, जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन के साथ पैगोंग पर हुए सेनाओं की वापसी के समझौते पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ‘कायर’ हैं और उन्होंने भारत की जमीन चीन को सौंप दी है।