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1 जून को पूरे देश में डॉक्टर्स मनाएंगे योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ ‘काला दिवस’

Baba Ramdev: रविवार, 23 मई को मजबूर होकर बाबा रामदेव ने अपना विवादित बयान वापस ले लिया। हालांकि अगले दिन उन्होंने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) को एक खुला पत्र लिखा और 25 सवाल पूछे।

नई दिल्ली। एलोपैथी और आयुर्वेद के बीच छिड़ी बहस के बीच आगामी एक जून को देशभर में नाराज रेजिटेंड डॉक्टरों के एसोसिएशनों के परिसंघ ने बाबा रामदेव के बयान के खिलाफ काला दिवस मनाएंगे। बता दें कि योगगुर बाबा रामदेव ने अपने एक बयान में एलोपैथी को ‘दिवालिया साइंस’ बताया था। इसको लेकर परिसंघ ने बयान जारी कर कहा है कि, रामदेव ‘सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगें। दरअसल कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाओं पर बाबा रामदेव ने सवाल उठाया था। जिसके बाद से एलोपैथी और आयुर्वेद के बीच बहस खड़ी हो गई है। इस विवाद के बीच कई लोग बाबा रामदेव के साथ खड़े नजर आ रहे हैं तो कई, एलोपैथी के साथ। पिछले दिनों बाबा रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था में जिसमें वो कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि, ‘कोविड-19 के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों लोग मर गए।’ उन्हें कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाते हुए भी सुना जा सकता है।

बाबा रामदेव के इस बयान के बाद से विवाद खड़ा हो गया। इसी के विरोध में रेजिटेंड डॉक्टरों के एसोसिएशनों के संघ ने एक जून को काला दिवस मनाने की बात कही है। वहीं इससे पहले ही रामदेव की टिप्पणी का कड़ा विरोध शुरू है। जिसके बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बयान वापस लेने को कहा।

medical doctor

गौरतलब है कि रविवार, 23 मई को मजबूर होकर बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया। हालांकि अगले दिन उन्होंने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) को एक खुला पत्र लिखा और 25 सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी से बीमारियों से स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाता है।