नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में सनसनीखेज खुलासा किया। अमित शाह ने बताया कि गुजरात में जब वो गृहमंत्री थे, तो कांग्रेस की तत्कालीन यूपीए सरकार ने सीबीआई के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए उनपर दबाव डाला था। मामला एक कथित फर्जी मुठभेड़ का है। इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश हुए थे। अमित शाह ने बताया कि सीबीआई के अफसर जब पूछताछ करते थे, तो 90 फीसदी बार यही कहते थे कि मोदी के खिलाफ बोल दो, तो आपको छोड़ देंगे। अमित शाह ने कहा कि मुझे गिरफ्तार किया गया। मुंबई में केस चला और वहां कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी के लिए कोई सबूत है ही नहीं। फिर मुझे कोर्ट ने बरी भी किया, लेकिन हमने कभी इस मामले में हायतौबा नहीं की।
हम सत्ता के दुरुपयोग के भुक्तभोगी हैं।
मेरे ऊपर फर्जी एनकाउंटर का फर्जी केस किया गया… अधिकारी बस एक ही बात बोलते थे कि और कुछ नहीं चाहिए, बस मोदी का नाम लेलो।
हमने यह लड़ाई कोर्ट में लड़ी…काले कपड़े पहन कर विरोध नहीं किया। pic.twitter.com/6HtED57wTd
— Amit Shah (@AmitShah) March 29, 2023
अमित शाह से पहले पीएम मोदी ने भी मंगलवार को आरोप लगाया था कि कांग्रेस शासन में उनको जेल भेजने की साजिश रची गई थी। राहुल गांधी और अडानी के मामले में अमित शाह ने विपक्ष की तरफ से काले कपड़े पहनकर संसद में आने पर कहा कि हम लोगों पर भी केस चले। हमने उन सभी मामलों का कोर्ट में सामना किया, लेकिन कभी हल्ला नहीं किया और न ही काले कपड़े पहने। यहां तक कि मोदी के खिलाफ भी एसआईटी बनाई, लेकिन हमने कभी विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि देश में अदालतें हैं और अपने खिलाफ मामले का निपटारा करने के लिए कोर्ट की राह लेनी चाहिए। उन्होंने और क्या कहा ये सुनिए।
जिस कानून के तहत राहुल गाँधी की सदस्यता गई है, उसी कानून के तहत कई और लोगों की संसद सदस्यता जा चुकी है, पर तब लोकतंत्र खतरे में नहीं आया।
लेकिन नेहरु-गाँधी परिवार के सदस्य की सदस्यता जाते ही लोकतंत्र खतरे में आ गया? इनके लिए अलग कानून बनेगा क्या? pic.twitter.com/TxCtgsufmx
— Amit Shah (@AmitShah) March 29, 2023
अमित शाह ने इस मौके पर राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अगर मनमोहन सरकार का दस्तावेज न फाड़ते, तो आज उनको संसद की सदस्यता गंवानी नहीं पड़ती। अमित शाह ने अचरज जताया कि राहुल गांधी को कोर्ट से सजा का एलान हुए इतना वक्त हो गया, लेकिन कांग्रेस ने अब तक इस सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में कोई अपील नहीं की है।