नई दिल्ली। 31 मार्च को जब खबर सामने आई कि, केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को घटा दिया है तो बचत योजनाओं में पैसे लगाने वालों को झटका लगा था। इसके बाद 1 अप्रैल को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा कि, ब्याज दरों को घटाने के फैसले को वापस ले लिया गया है। मतलब ये कि, एक दिन पहले ब्याज दरों को कम करने का जो फैसला सरकार की तरफ से लिया गया था, वो अगले ही दिन वापस ले लिया गया। हालांकि इस कदम को लेकर माना जा रहा है कि, 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस फैसले को वापस लिया गया है। लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक इन फैसलों को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय(PMO) ने दखल दी थी, तब जाकर वित्त मंत्री का ब्याज दरों को घटाने का फैसला वापस लेने का ट्वीट सामने आया।
गौरतलब है कि इस मामले में अब जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक गुरुवार को सुबह-सुबह, इसके लिए पीएमओ से वित्त मंत्रालय को निर्देश आया था, कि इस फैसले को वापस लिया जाय। इसके बाद सुबह 8 बजे के आसपास वित्त मंत्री ने ट्वीट कर सबको इसकी जानकारी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने ट्वीट में बताया कि 2020-21 की बीती तिमाही में जो दरें थी, वहीं दरें अब लागू होंगी। जो आदेश कल पास किये गये थे, उन्हें वापस ले लिया गया है।
इतना ही नहीं इस फैसले को वापस लेने के साथ वित्त मंत्री ने कहा कि, ब्याज दरों में कटौती का यह नोटिफिकेशन ‘भूलवश’ जारी हो गया था। जबकि छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में की गई कटौती के फैसले को खुद वित्त मंत्री ने बुधवार को मंजूरी दी थी।
वहीं एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिजनेस टुडे को बताया कि, ‘ब्याज दरों में बदलाव के नोटिफिकेशन को वापस लेने का निर्देश पीएमओ से बिल्कुल सुबह-सुबह आया। इसके एक घंटे के भीतर ही पीएमओ के निर्देश के मुताबिक नए रेट को वापस ले लिया गया। यह वाकई एक गंभीर मसला बन गया।’