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समूचे भारत से ताल्लुक रखते थे गलवान घाटी में शहीद हुए जवान, पूरे देश ने किया इनकी शहादत को नमन

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत व चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद होने वाले एक कमांडिंग ऑफिसर सहित 20 सैनिक देश के लगभग सभी हिस्सों के रहने वाले थे।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत व चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद होने वाले एक कमांडिंग ऑफिसर सहित 20 सैनिक देश के लगभग सभी हिस्सों के रहने वाले थे। पश्चिम में पंजाब से लेकर पूर्व में पश्चिम बंगाल और बिहार तक के सैनिक शहीद हुए हैं। कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू तेलंगाना से थे। कर्नल संतोष बाबू के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ उनके गृहनगर में भेज दिया गया है।

indian commander

केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि गलवान घाटी में सैनिकों का नुकसान गहन रूप से परेशान करने वाला और दर्दनाक है।

राजनाथ ने कहा कि गलवान घाटी में सेना के जवानों ने अपना फर्ज निभाते वक्त जान दे दी, देश उनके इस बलिदान को कभी नहीं भूल पाएगा।

केंद्रीय रक्षामंत्री ने कहा, “राष्ट्र उनकी वीरता और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। हमें अपने देश के जवानों पर गर्व है।”

राजनाथ ने कहा, “गलवान में सैनिकों का शहीद होना काफी परेशान करने वाला और दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने कर्तव्य के प्रति अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई और भारतीय सेना की उच्चतम परंपराओं को ध्यान में रखते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया।”

उन्होंने कहा कि राष्ट्र इस मुश्किल घड़ी में शहीदों के परिवार के साथसाथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। सिंह ने एक बयान में कहा, “हमें भारत के वीरों के शौर्य और साहस पर गर्व है।”

रक्षामंत्री के साथ ही भारतीय सेना ने भी अपने जवानों की शहादत को सलाम किया है।

शहीद हुए 20 भारतीय जवानों में एक कर्नल, तीन नायब सूबेदार, तीन हवलदार, एक नायक और 12 सिपाही शामिल हैं।

शहीदों के नाम हैं : कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू हैदराबाद से हैं, जो उस कंपनी के कमांडिंग ऑफिसर थे, जिस पर धोखे से क्रूर हमला किया गया। इसके अलावा तीन नायब सूबेदार हैं, जिनमें ओडिशा के मयूरभंज जिले से नादुराम सोरेन, पंजाब के पटियाला से मंदीप सिंह और पंजाब के गुरदासपुर से सतनाम सिंह शामिल हैं।


तीन हवलदारों में तमिलनाडु के मदुरई से के. पलानी, बिहार के पटना से सुनील कुमार और उत्तर प्रदेश के मेरठ से बिपुल रॉय शामिल हैं। एक नायक मध्य प्रदेश के रीवा से दीपक कुमार हैं।

शहीद होने वाले 12 सिपाहियों में पश्चिम बंगाल के बीरभूम से राजेश ओरंग, झारखंड के साहिबगंज से कुंदन कुमार ओझा, छत्तीसगढ़ के कांकेर के गणेश, ओडिशा के कंधमाल से चंद्रकांत प्रधान, हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर से अंकुश, पंजाब के संगरूर से गुरबिंदर, पंजाब के मनसा से गुरतेज शामिल हैं।

इसके अलावा शहीद सैनिकों में बिहार के भोजपुर से चंदन कुमार, सहरसा से कुंदन कुमार, समस्तीपुर से अमन कुमार, वैशाली से जय किशोर और झारखंड के पूर्वी सिंहभूम से गणेश हांसदा शामिल हैं।