नई दिल्ली। चीन के नागरिकों से जुड़े कथित वीजा घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ED ने आशंका जताई है कि इस मामले में आरोपी और पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम देश छोड़कर भाग सकते हैं। ईडी ने जांच एजेंसी ने कार्ति को अग्रिम जमानत देने का दिल्ली हाईकोर्ट में विरोध किया है। ईडी का दावा है कि देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले इस अपराध में कार्ति चिदंबरम की मिलीभगत का खुलासा हुआ है। कोर्ट में 11 जुलाई को दी स्टेटस रिपोर्ट में उसने कहा कि अगर आरोपी को कोर्ट जमानत जैसी सुरक्षा देता है, तो पूछताछ में सफलता नहीं मिलेगी, जांच प्रभावित होगी औऱ आरोपी विदेश भी भाग सकता है।
जांच एजेंसी ने कई बड़े घोटाले के आरोपियों के विदेश भाग जाने का उदाहरण देते हुए कार्ति को अग्रिम जमानत न देने की अपील कोर्ट से की है। ईडी ने ये भी कहा है कि वो फिलहाल कार्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से कोर्ट में कहा गया कि जांच अब भी प्राथमिक चरण में है। कार्ति बहुत प्रभावशाली शख्स और सांसद भी हैं। जांच की स्थिति को कोर्ट से देखने की गुजारिश ईडी ने की है। उसने कहा है कि वित्तीय फायदे के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला गया। इसका देश की अर्थव्यवस्था पर भी खराब असर पड़ा है।
वीजा संबंधी कथित घोटाले का कार्ति पर आरोप है। इस मामले में ईडी ने उनके और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में केस भी दर्ज किया है। कथित घोटाला साल 2011 में हुआ। जब चीन के 263 नागरिकों को वीजा जारी किया गया। उस वक्त कार्ति के पिता पी. चिदंबरम यूपीए की केंद्र सरकार में गृहमंत्री थे। इस मामले में पहले ही सीबीआई भी केस दर्ज कर चुकी है। ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ही पीएमएलए के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की है। इस मामले में आरोप साबित होने पर कार्ति को लंबी सजा हो सकती है।