नई दिल्ली। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड AJL और यंग इंडियन लिमिटेड YIL के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी को करारा झटका देते हुए 751 करोड़ की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया था। सूत्रों के अनुसार अब इस मामले में एक बार फिर सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ की तैयारी ईडी कर रही है। ईडी इससे पहले भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कई बार पूछताछ कर चुकी है। जवाब से संतुष्ट न होने के कारण उसने संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की। सोनिया और राहुल गांधी इस मामले में जमानत पर भी हैं। उधर, कांग्रेस के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी की तरफ से एजेएल की संपत्ति जब्त करने को राजनीतिक द्वेष के कारण उठाया गया कदम करार दिया है। सिंघवी ने आरोप लगाया है कि केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के इशारे पर ईडी ने संपत्ति जब्त की है।
ईडी ने एजेएल की जो संपत्तियां जब्त की हैं, उनमें दिल्ली, मुंबई, पंचकूला और लखनऊ के प्राइम लोकेशन की संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों से साल 2008 तक एजेएल ने कांग्रेस के मुखपत्र के तौर पर पहचाने जाने वाले नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज को छापा था। इसके बाद अखबार बंद हो गया। ईडी का आरोप है कि इसके बाद ही गांधी परिवार ने खेल किया। कांग्रेस की तरफ से 90 करोड़ का कर्ज एजेएल को दिया गया। फिर कर्ज वापस न होने पर इसे वाईआईएल को महज 50 लाख रुपए में दे दिया गया। बदले में एजेएल ने गांधी परिवार को 9 करोड़ शेयर दे दिए। ईडी इसे ही मनी लॉन्ड्रिंग बताया है। ईडी के मुताबिक 50 लाख रुपए अपने पास न होने के बाद भी सोनिया और राहुल गांधी के स्वामित्व वाली वाईआईएल ने एजेएल की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया। इन संपत्तियों का बाजार मूल्य अभी 2000 करोड़ से ज्यादा बताया जा रहा है। तमाम संपत्तियों को किराए पर भी दिया गया है।
जिस वाईआईएल पर एजेएल की संपत्ति हथियाने का आरोप है, उसके 76 फीसदी शेयर राहुल और सोनिया के पास हैं। बाकी के 24 फीसदी शेयर कांग्रेस के नेता रहे मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के नाम थे। वोरा और फर्नांडिस का निधन हो चुका है। यानी अब वाईआईएल का पूरा स्वामित्व गांधी परिवार के दोनों सदस्यों के पास है। वहीं, कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस कंपनी के सीईओ हैं। कांग्रेस का कहना है कि वाईआईएल एक नो प्रॉफिट संस्था है। वो एजेएल को लेने के बाद भी उसका एक पैसा खर्च नहीं कर सकती। एजेएल की स्थापना पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू ने 5000 कांग्रेस सदस्यों के साथ की थी। इन सभी कांग्रेसियों को एजेएल का शेयर होल्डर बनाया गया था। एजेएल में कथित गड़बड़ी की शिकायत बीजेपी के राज्यसभा सांसद रहे और वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने की थी। तभी से ईडी इसकी जांच कर रही है। ईडी ने दिल्ली और मुंबई में एजेएल की संपत्तियों पर छापा भी मारा था।