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UP: योगी सरकार की मुहिम का असर, संस्कृत सीखने के लिए कई विदेशी भी करा रहे है नामांकन

Uttar Pradesh: कार्यक्रम का शुभारंभ वयोवृद्ध छात्र पीयूष टंडन (लखनऊ) ने मंगलाचरण करके किया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में जम्मू-कश्मीर से बुलाए गए संस्कृत के विद्वान् डा. मधुसूदन मिश्र ने बताया कि सभी को पाश्चात्य अंधानुकरण से बचने के लिए संस्कृत का अध्ययन करना आवश्यक है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में संस्‍कृत भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। इसकी शुरुआत सरकार की तरफ से तभी कर दी गई थी जब सरकार के द्वारा जारी विज्ञप्ति को संस्कृत भाषा में जारी किया जाने लगा था। सरकार की संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयास का असर यह हुआ है कि अब प्रदेश में इसको लेकर चलाई गई योगी सरकार की मुहिम अब रंग लाती दिखाई दे रही है। योगी सरकार के भाषा विभाग के अन्तर्गत आने वाले लखनऊ के UP संस्‍कृत संस्‍थानम् की 20 दिवसीय प्रथम स्तरीय-ऑनलाइन संस्कृत सम्भाषण योजना के तहत 20 जुलाई 2021 को व्यापक रुप में प्रारम्भ होने वाली संस्कृत कक्षाओं का समापन समारोह पूरे प्रदेश में जगह- जगह 11 अगस्त 2021 को किया गया। इसी कड़ी में गोरखपुर के गोरखनाथ संस्कृत विद्यापीठ से संस्थान के संस्कृत भाषा प्रशिक्षक नूतन विष्णु रेग्मी ने भी गूगल मीट के माध्यम से इस समापन कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसका संचालन उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट स्थित अन्नपूर्णा गुरुकुल से संस्थान के ही भाषा प्रशिक्षक सतीश शर्मा ने किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ वयोवृद्ध छात्र पीयूष टंडन (लखनऊ) ने मंगलाचरण करके किया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में जम्मू-कश्मीर से बुलाए गए संस्कृत के विद्वान् डा. मधुसूदन मिश्र ने बताया कि सभी को पाश्चात्य अंधानुकरण से बचने के लिए संस्कृत का अध्ययन करना आवश्यक है। वहीं सतीश शर्मा और नूतन विष्णु रेग्मी ने भी इस नई तकनीक से संस्कृत कक्षा का संचालन करने का नया अनुभव के साथ संस्कृत को किस तरह भारत के लोगों के साथ-साथ विदेशी लोगों से भी जोड़ सकेंगे इसके बारे में बताया।

छात्रों में नीता तिवारी (हैदराबाद), अमिष मक्कड़ (पंजाब), मदन लाल (नागालैंड), निधि गुप्ता (मुंबई), नीलम, योगेन्द्र, मीना, विप्लव इत्यादि ने भी अपना अनुभव सुनाया। ऐसे ही कई छात्रों ने संस्कृत गीत भी सुनाये। 20 दिन की कक्षाओं के बाद 10 अगस्त के सायंकाल 7-8 बजे हुई परीक्षा में 99% छात्र अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए हैं जिन्हें संस्थान शीघ्र ही प्रमाणपत्र भी उपलब्ध करवाएंगी। अब इस योजना के लिए विदेशी लोगों का भी ध्यानाकर्षण हो रहा है। इतना ही नहीं कई विदेशी भी नामांकन कर रहे हैं।

इस ऐतिहासिक योजना के पीछे योगी सरकार के साथ-साथ यूपी संस्कृत संस्थान के निदेशक पवन कुमार (आईएएस) अध्यक्ष डा वाचस्पति मिश्र, प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ट कुमार मिश्र और इस योजना के क्रियान्वयन समिति के सदस्य सहित योजना के मेरुदण्ड प्रशिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। योजना के सफल होने में इसके प्राणभूत छात्रों की भी बड़ी भूमिका रही।

UP Sanskrit

इस बार के कक्षा लेने वाले हज़ारों छात्रों के संस्कृत भाषा के प्रति अतुलनीय रूचि को देखते हुये संस्थान पुन: द्वितीय स्तरीय संस्कृत सम्भाषण योजना को जल्दी ही मूर्त रूप देना वाला है। इसके साथ-साथ प्रथम स्तरीय संस्कृत सम्भाषण कक्षा के लिये 9522340003 नम्बर पर मिस्डकाल के माध्यम से मिलने वाले मैसेज में से संस्थान के वेवसाइट के लिंक पर नामांकन करने की प्रकिया भारी तादाद में जारी है।

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