नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने अपने सहयोगी चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडेय के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव की तारीखों का एलान किया। सभी राज्यों में 10 फरवरी से 7 मार्च तक अलग-अलग चरणों में वोटिंग होगी। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक दौर में चुनाव होगा। यूपी में 7 दौर में मतदान कराए जाएंगे। जबकि, मणिपुर में 2 दौर में चुनाव होंगे। आयोग ने 15 जनवरी तक रोड शो, रैलियों पर रोक लगा दी है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने कुछ और अहम एलान भी किए हैं। जिन्हें आप नीचे देख सकते हैं।
-10 मार्च को होगी मतगणना।
-7 मार्च को 7वें और अंतिम दौर का मतदान कराया जाएगा।
-छठे दौर का चुनाव 3 मार्च को कराया जाएगा। इसमें मणिपुर में दूसरे और अंतिम दौर का मतदान होगा।
-पांचवें दौर का मतदान 27 फरवरी को कराया जाएगा।
-मणिपुर में दो दौर में चुनाव। चौथे दौर का चुनाव 23 फरवरी को होगा।
-20 फरवरी को तीसरे दौर का मतदान।
-गोवा, उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होगा।
-पहले दौर में 10 फरवरी को मतदान।
-14 जनवरी को पहले दौर का नोटिफिकेशन जारी होगा।
-पूरा चुनाव 7 चरणों में पूरा किया जाएगा।
-हेट स्पीच और फेक न्यूज पर कड़ी नजरदारी रहेगी। जो ऐसा करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-डोर टू डोर कैंपेन में अधिकतम 5 लोग ही हिस्सा ले सकेंगे।
-रात 8 से सुबह 8 तक कोई प्रचार नहीं। सड़कों पर नुक्कड़ सभाओं पर भी रोक। जीत के बाद विजय जुलूस भी नहीं निकाला जा सकेगा।
-15 जनवरी तक पदयात्रा, रोड-शो, रैली पर चुनाव आयोग ने रोक लगाई। इसके बाद आगे के बारे में फैसला लिया जाएगा।
-पार्टियां, उम्मीदवार ज्यादा से ज्यादा डिजिटल तरीके से चुनाव प्रचार करें।
-जनता को कोरोना से बचाना ही हमारा एकमात्र लक्ष्य।
-पोलिंग टाइम 1 घंटे के लिए बढ़ाया गया है।
-5 राज्यों को वैक्सीनेशन में तेजी लाने का भी निर्देश दिया गया।
-चुनाव ड्यूटी वाला सारा स्टाफ वैक्सीन की दो डोज लेगा। हर कर्मचारी फ्रंटलाइन वर्कर माना जाएगा और उन्हें बूस्टर डोज भी दिया जाएगा।
-संविधान कहता है कि कोई भी विधानसभा 5 साल तक ही काम कर सकती है। चुनाव टालना लोगों के मताधिकार का अपमान करना है।
-अभी से ही 5 राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।
-CVIGIL एप के जरिए मतदाता बता सकेंगे कि उम्मीदवार शराब, पैसा या गिफ्ट तो नहीं बांट रहा है।
-कोई भी लोभ देने वाले उम्मीदवारों पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर रहेगी। इसके लिए हर संभव तैयारी की गई है।
-डिजिटल तरीके से इस बार चुनाव प्रचार होगा। इसलिए उम्मीदवारों के खर्च की सीमा बढ़ाकर 28 और 40लाख की गई है।
-करीब 900 ऑब्जर्वर इन चुनावों में तैनात किए जाएंगे।
-वोटिंग संबंधी हर मामले की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
-आपराधिक मामलों में घिरे उम्मीदवारों को न्यूजपेपर और टीवी चैनलों पर जानकारी देनी होगी। राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर भी ये जानकारी देनी होगी।
-80 साल के सीनियर सिटिजन, कोरोना पीड़ित के घर पर पोस्टल बैलेट से वोट लिए जाएंगे। दो अधिकारी ऐसे लोगों के घर जाएंगे और वीडियोग्राफी भी होगी।
-कुछ पोलिंग स्टेशन का जिम्मा दिव्यांगों को दिया जाएगा।
-हर सीट पर एक पोलिंग स्टेशन का जिम्मा महिला स्टाफ के पास होगा।
-हर पोलिंग स्टेशन पर 1000 से कम वोटर होंंगे।
-पोलिंग स्टेशन की संख्या 60 फीसदी बढ़ाई गई।
-सभी पोलिंग स्टेशन में भूतल पर ही मतदान कराया जाएगा।
-5 राज्यों में 690 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराया जाएगा।
-कोरोना के कारण चुनाव कराना काफी मुश्किल हुआ।
-चुनाव के लिए नए प्रोटोकॉल तैयार किए गए हैं, ताकि चुनाव को ठीक और पारदर्शी तरीके से कराया जाए।
-वोटरों को कोरोना के बाद भी बेहतर तरीके से वोट करने की सहूलियत मिलेगी। एडवांस प्लानिंग कर ली गई है।
-सभी सरकारों और विशेषज्ञों से कोरोना के बारे में राय ली गई और जमीनी हालात भी देखा गया है। जिसके बाद हमने पूरी तैयारी की है।
-18.35 करोड़ मतदाता 5 राज्यों के चुनाव में वोट डालेंगे।
-29.5 लाख युवा पहली बार वोट डालेंगे।
-8.55 करोड़ महिला वोटर इस बार मतदान करेंगी।
यूपी की 403 सीटों में से बीजेपी ने 312 सीटें जीती थीं। वहीं, उसके सहयोगियों की सीटों को मिलाकर विधानसभा में उसका कुल आंकड़ा 325 सीटों का रहा था। सपा को 47, बीएसपी को 19 सीटें मिली थीं। उत्तराखंड में साल 2017 में बीजेपी ने 70 में से 56 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस को यहां 10 सीटें मिली थीं। बाकी निर्दलीयों और अन्य के खाते में गई थीं। गोवा में 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 40 में से सिर्फ 13 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने 17 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2 क्षेत्रीय पार्टियों, एमजीपी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी GFP के समर्थन से बीजेपी ने सरकार बना ली थी। जीएफपी ने इस बार कांग्रेस से हाथ मिलाने का एलान किया है। वहीं, एमजीपी ने टीएमसी के साथ गठबंधन कर लिया है।
मणिपुर विधानसभा की 60 सीटों के लिए पिछली बार चुनाव में बीजेपी ने 21 और कांग्रेस ने 28 सीटें जीती थीं। बीजेपी ने अन्य दलों से गठजोड़ कर यहां सरकार बनाई थी। जबकि, पंजाब की 177 सीटों के लिए चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में 117 सीटों में से 77 पर जीत हासिल की थी। बीजेपी और अकाली दल को महज 18 सीटें मिली थीं। इस बार कैप्टन कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी के साथ आ गए हैं। ऐसे में देखना है कि किस करवट यहां ऊंट बैठता है। क्योंकि चुनाव पूर्व सर्वे में दावा किया जा रहा है कि पंजाब में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलेगा।