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Delhi Excise Scam: ‘दिल्ली में शराब घोटाले के आरोपी के पिता ने खोली केजरीवाल का हाथ होने की पोल’, बीजेपी नेता ने Video जारी कर किया दावा

दिल्ली में हुए कथित आबकारी यानी शराब बिक्री के घोटाले की सीबीआई जांच चल रही है। सीबीआई ने आबकारी विभाग देख रहे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर छापा भी मारा था। उनके बैंक लॉकर की जांच भी की थी। सिसोदिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल लगातार दावा कर रहे हैं कि कोई घोटाला नहीं हुआ। वहीं, बीजेपी कह रही है कि घोटाला हुआ है और उसमें केजरीवाल और सिसोदिया का हाथ है।

नई दिल्ली। दिल्ली में हुए कथित आबकारी यानी शराब बिक्री के घोटाले की सीबीआई जांच चल रही है। सीबीआई ने आबकारी विभाग देख रहे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर छापा भी मारा था। उनके बैंक लॉकर की जांच भी की थी। सिसोदिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल लगातार दावा कर रहे हैं कि कोई घोटाला नहीं हुआ। वहीं, बीजेपी कह रही है कि घोटाला हुआ है और उसमें केजरीवाल और सिसोदिया का हाथ है। अपने इसी दावे के समर्थन में दिल्ली बीजेपी के नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने एक वीडियो जारी किया है। बग्गा का दावा है कि ये स्टिंग ऑपरेशन है और इसमें आबकारी घोटाले के 13 नंबर आरोपी सनी मारवाह के पिता कुलविंदर मारवाह केजरीवाल का हाथ होने की पोल खोल रहे हैं।

CM Arvind Kejriwal

बीजेपी नेता ने जिनको कुलविंदर मारवाह बताया है, वो वीडियो में कहते दिखते हैं कि एल-1 वेंडर यानी शराब सप्लायर के लिए 12 फीसदी का फायदा रखा गया था। इसमें से 6 फीसदी उनको (आम आदमी पार्टी) को देने थे। वो कहते दिखते हैं कि ये पैसा ब्लैक में देना था, लेकिन व्हाइट को ब्लैक कैसे बनाएं? इतनी रकम तो कोई अपने घर पर रखता नहीं है। इसी तरह की तमाम और बातें वो वीडियो में बताते दिख रहे हैं। पहले आप देखिए वीडियो का पहला हिस्सा।

एक और वीडियो में कुलविंदर मारवाह कहते दिख रहे हैं कि दुकानदारों को हर महीने 10 लाख रुपए देने के लिए कहा गया। इसके एवज में उन्हें अपनी मनमर्जी करने की छूट दी गई। इस वीडियो में भी कुलविंदर तमाम और आरोप भी लगाते दिख रहे हैं। वीडियो का दूसरा हिस्सा आप नीचे देख सकते हैं।

बता दें कि कथित आबकारी घोटाले के तहत दिल्ली सरकार के खजाने को 400 करोड़ से ज्यादा की चपत लगने का आरोप है। इस मामले की जांच दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने सीबीआई को दी थी। जांच सौंपे जाने के बाद ही केजरीवाल सरकार ने नई आबकारी नीति वापस लेने का एलान किया था। अब 1 सितंबर से पुरानी आबकारी नीति को ही दोबारा दिल्ली सरकार ने लागू किया है।