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Election Commission Strict On Leaders And Fake News: नेताओं और फेक न्यूज पर चुनाव आयोग सख्त, नफरत वाले भाषण देने पर खैर नहीं; प्रचार में बच्चों पर भी रोक

Election Commission Strict On Leaders And Fake News: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हर हाल में चुनावों को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव के दौरान कहीं भी किसी भी तरह की हिंसा को नहीं होने दिया जाएगा।

नई दिल्ली। लोकसभा और 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान चुनाव आयोग ने कर दिया है। इसके साथ ही इस बार चुनाव आयोग बहुत सख्ती भी बरतने वाला है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हर हाल में चुनावों को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराया जाएगा। नेताओं के नफरत वाले भाषण, मुफ्त की चीजों से मतदाताओं को लुभाने, बच्चों को चुनाव प्रचार में उतारने और फेक न्यूज के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का उन्होंने एलान किया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हिंसा की कोई जगह नहीं है। हर जिले में कंट्रोल रूम होगा। इसके अलावा टीवी, सोशल मीडिया, वेब कास्टिंग, 1950 नंबर की हेल्पलाइन और शिकायत पोर्टल का भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर कंट्रोल रूम में एक अफसर होगा। किसी भी शिकायत पर 100 मिनट में कार्रवाई होगी। गैर जमानती वॉरंट वाले और हिस्ट्रीशीटर्स पर कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही 3 साल से एक ही जिले में तैनात अफसर और कर्मचारी बदले जा रहे हैं। संविदा पर काम करने वालों से चुनाव का काम नहीं लिया जाएगा। शराब, कैश, कुकर, साड़ी वगैरा बांटने पर सख्ती से रोक लगेगी। बैंक देखेंगे कि कहीं नकदी की मांग अचानक तो नहीं बढ़ी। इसके अलावा बंदरगाह, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और हाइवे के अलावा हेलीकॉप्टरों और चार्टर्ड फ्लाइट्स पर नजर रहेगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि फेक न्यूज और अफवाहें फैलने नहीं दी जाएंगी। हर राज्य के अफसर ऐसे आपत्तिजनक कंटेंट हटवा सकेंगे। झूठा नैरेटिव फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। चुनाव आयोग भी झूठ बनाम हकीकत बताएगा। उन्होंने कहा कि झूठ के बाजार में बहुत रौनक होती है। नफरत भरे भाषण, निजी जिंदगी पर हमला और धार्मिक नफरत फैलाने पर भी एक्शन होगा। उन्होंने नेताओं से कहा कि प्रचार के दौरान लक्ष्मण रेखा पार न करें। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि 2100 पर्यवेक्षक तैनात किए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों की तैनाती ठीक से होगी। ताकि चुनाव से पहले, चुनाव के दौरान और बाद में किसी तरह की हिंसा न हो सके।