नई दिल्ली। कैश फॉर क्वेरी यानी पैसा और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर एथिक्स कमेटी की जांच रिपोर्ट आने वाली है। उनके खिलाफ जांच कर रही संसद की एथिक्स कमेटी कल यानी 7 नवंबर को मसौदा रिपोर्ट दे सकती है। एथिक्स कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। इस कमेटी की रिपोर्ट अगर महुआ मोइत्रा के खिलाफ हुई, तो टीएमसी सांसद को अपनी संसद की बाकी सदस्यता भी गंवानी पड़ सकती है। एथिक्स कमेटी ने इस मामले में महुआ मोइत्रा को तलब किया था। महुआ ने पहले तो दूसरी तारीख मांगी और फिर जब एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं, तो इसके अध्यक्ष और बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर पर अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगा दिया। वहीं, महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने विनोद कुमार सोनकर के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया।
संसद की एथिक्स कमेटी में 15 सदस्य हैं। इस कमेटी में बीजेपी के सदस्यों की संख्या ज्यादा है। अगर एथिक्स कमेटी ओम बिरला से महुआ मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करती है, तो उस पर वो फैसला करेंगे। साल 2005 में कैश फॉर क्वेरी का मामला संसद में आया था। उस वक्त कई सांसदों की लोकसभा सदस्यता छिन गई थी। ये सांसद सुप्रीम कोर्ट गए थे। जहां 2 साल की सुनवाई के बाद इन सांसदों को राहत मिली थी। अगर महुआ मोइत्रा पर कार्रवाई होती है, तो उनके सामने भी कोर्ट जाने का रास्ता होगा, लेकिन मौजूदा लोकसभा की समयसीमा अब कम बची है। ऐसे में फैसला आने तक नए सिरे से चुनाव भी हो जाएंगे।
कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ मोइत्रा अपने पुराने दोस्त और वकील जय अनंत देहाद्राई की शिकायत से घिरीं। जय अनंत देहाद्राई ने महुआ की शिकायत सीबीआई से की थी। देहाद्राई ने सीबीआई को भेजी शिकायत में आरोप लगाया कि महुआ ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तमाम महंगे गिफ्ट लेकर संसद में गौतम अडानी की कंपनियों के बारे में सवाल पूछे। देहाद्राई ने ये संगीन आरोप भी लगाया कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए अपना लॉगइन आईडी और पासवर्ड भी कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को दिया। हीरानंदानी ने इन आरोपों की पुष्टि की है। वहीं, महुआ ने माना है कि उन्होंने यूजर आईडी और पासवर्ड तो कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को दिया, लेकिन छोटे-मोटे गिफ्ट के अलावा कोई पैसा या दूसरी महंगी चीजें नहीं ली। इस पूरे मामले की शिकायत बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से की थी। बिरला ने मामले को एथिक्स कमेटी को भेजा था।