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Cash For Query: महुआ प्रकरण में सभी पक्षकारों से पूरी हुई एथिक्स कमेटी की पूछताछ, जानिए क्या कुछ हुआ?

Cash For Query: एथिक्स कमेटी के समक्ष वकील अनंत देहाद्रोही भी पेश हुए, जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने समिति को पूरी सच्चाई बता दी है। समिति ने हमसे सौहार्दपूर्ण पूछताछ की। किसी को भी बाध्य नहीं किया गया।

नई दिल्ली। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता अनंत देहाद्रोही और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे से संसद की एथिक्स कमेटी की पूछताछ संपन्न हो चुकी है। कई घंटों तक चली इस पूछताछ में कई मसलों पर विस्तारपूर्वक विचार विमर्श हुआ। वहीं कमेटी के अध्यक्ष विनय सोनकर ने कहा कि हमने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा को पूछताछ के लिए बुलाया था।

nishikant dubey and mahua moitra

उन्हें 31 अक्टूबर को पूछताछ के लिए फिर से तलब किया गया है। यही नहीं, कमेटी ने इन तीनों के बीच हुई पूछताछ की चिट्ठी गृह मंत्रालय और आयकर विभाग को भी भेजी है, ताकि उसके बारे में जानकारी जुटाई जा सकें। उधर, आज की पूछताछ के बारे में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मीडिया को बताया कि मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि इस प्रकरण से हम सभी चिंतित हैं। उन्होंने आगे कहा कि संसद की गरिमा और मर्यादा को लेकर मुझ से ज्यादा एथिक्स कमेटी चिंतित है, जिससे मैं प्रभावित हुआ हूं।

darshan hiranandani and mahua moitra

उधर, एथिक्स कमेटी के समक्ष वकील जय अनंत देहाद्राई भी पेश हुए, जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने समिति को पूरी सच्चाई बता दी है। समिति ने हमसे सौहार्दपूर्ण पूछताछ की। किसी को भी बाध्य नहीं किया गया। बहरहाल, अब आगामी दिनों में एथिक्स कमेटी का इस पूरे मामले में क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए उससे पहले आपको ये पूरा माजरा जरा तफसील से बता देते हैं।

mahua moitra

जानें पूरा माजरा 

दरअसल, बीते दिनों बीजेपी सांसद व केंद्रीय मंत्री निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि महुआ ने व्यापारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में उनके हित में सवाल पूछे। इतना ही नहीं ,केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीएमसी सांसद द्वारा पूछे गए 80 फीसद सवाल व्यापारी दर्शन हीरानंदानी से जुड़े हुए थे। वहीं, टीएमसी ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों को सिरे से खारिज कर इसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए ये आरोप पूरी तरह से गलत व निराधार हैं, जिनमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। बता दें कि इस पूरे मामले में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से विपक्ष को एकजुट कर दिया है। सभी विपक्षियों का कहना है कि अडानी प्रकरण पर सवाल पूछने की वजह से टीएमसी सांसद को केंद्र के इशारों पर जांच एजेंसी निशाना बनाने की कोशिश कर रही है।  यही नहीं, बीते दिनों इस  मामले पर व्यापारी दर्शन हीरानंदानी ने एक पत्र लिखा था , जिसमें उन्होंने महुआ मोइत्रा को पैसा देने की बात कबूला था। इस बीच बीते दिनों इस मामले को एथिक्स कमेटी को भेजा गया। फिलहाल, इसकी जांच जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।