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Agenda In Open Forum: किसान आंदोलन के नेताओं की कलई खुलनी शुरू, चढ़ूनी ने बनाई पार्टी

एक साल से ज्यादा समय तक किसानों का आंदोलन चलाने वाले नेताओं के सियासी सपनों का खुलासा एक-एक कर हो रहा है। पिछले दिनों भारतीय किसान यूनियन BKU नेता राकेश टिकैत के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी चीफ जयंत चौधरी के साथ फोटो वाले होर्डिंग मेरठ-बुलंदशहर हाइवे पर लगे दिखे थे।

चंडीगढ़। एक साल से ज्यादा समय तक किसानों का आंदोलन चलाने वाले नेताओं के सियासी सपनों का खुलासा एक-एक कर हो रहा है। पिछले दिनों भारतीय किसान यूनियन BKU नेता राकेश टिकैत के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी चीफ जयंत चौधरी के साथ फोटो वाले होर्डिंग मेरठ-बुलंदशहर हाइवे पर लगे दिखे थे। अब एक और किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी अपना राजनीतिक दल बना लिया है। चढ़ूनी किसान आंदोलन चलाने वाले नेताओं में शामिल थे। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम संयुक्त संघर्ष पार्टी रखा है। आज मीडिया के सामने चढ़ूनी ने नई पार्टी के नाम का एलान किया और कहा कि देश में बदलाव की जरूरत है। सभी दलों ने राजनीति को व्यापार बना लिया है। राजनीति को शुद्ध करने के लिए मैं नई पार्टी लॉन्च कर रहा हूं। संयुक्त संघर्ष पार्टी का इरादा अमीर लोगों को सियासत से बाहर करने का है।

gurnam chadhuni and rakesh tikait

चढ़ूनी ने एलान किया कि पंजाब में उनकी पार्टी किसानों को बतौर उम्मीदवार चुनाव में उतारेगी। चढ़ूनी पहले फतेहगढ़ साहिब के दौरे में भी यही एलान कर चुके थे। हालांकि, किसान संगठनों के मुख्य मोर्चे यानी संयुक्त किसान मोर्चा ने उनसे सहमति नहीं दिखाई थी। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने तो प्रेस कॉन्फ्रेंस करके साफ कह दिया था कि चुनाव जो भी लड़ना चाहे वो लड़े, लेकिन एसकेएम का नाम किसी सूरत में नहीं ले। चढ़ूनी पहले कह चुके हैं कि वो हरियाणा में ही रहेंगे और पंजाब में चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि उम्मीदवार उतारेंगे।

tikait poster

चढ़ूनी से पहले राकेश टिकैत लगातार सियासतदानों के साथ दिखते रहे हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के वक्त उन्होंने टीएमसी के साथ जाकर बीजेपी के खिलाफ प्रचार किया था। टिकैत ने बीते दिनों अखिलेश और जयंत चौधरी के साथ अपने फोटो वाले होर्डिंग सामने आने के बाद ये खुलासा भी किया था कि सपा की तरफ से उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने का ऑफर दिया गया था। टिकैत बीते दिनों चंडीगढ़ से मुजफ्फरनगर के अपने गांव सिसौली पहुंचे थे। वहां उन्होंने भाषण दिया था कि एक साल तक ट्रेनिंग ली है और किसान अब बड़ी जंग के लिए तैयार रहे। बीजेपी के विरोध और समर्थन पर भी टिकैत ने हमेशा गोलमोल बात की थी।