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Live: किसान आंदोलन पर SC का नोटिस, कहा सरकार-किसान कमेटी बनाकर सहमति से सुलझाएं मुद्दा

Farmers Protest: नये कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन बुधवार को 21वें दिन जारी है। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने पर अड़े हैं तो सरकार कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है।

नई दिल्ली। नये कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन बुधवार को 21वें दिन जारी है। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने पर अड़े हैं तो सरकार कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है। हालांकि बातचीत से हल निकालने की लगातार कोशिश की जा रही है और सरकार कानूनों में संशोधन के लिए भी तैयार है।

Farmers Protest

अपडेट-

इस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा, कानून-व्यवस्था के मामले में कोई मिसाल नहीं दी जा सकती है। वहीं, सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र और पंजाब-हरियाणा की राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है। इस मामले पर अगली सुनवाई कल होगी।

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने किसान संगठनों को पक्षकार बनाने की अनुमति दी। अदालत ने केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा है कि वह इस मुद्दे को हल करने के लिए भारत में किसान यूनियनों के प्रतिनिधि, सरकार और अन्य हितधारकों सहित एक समिति गठित करें। साथ ही कहा कि यह जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन जाएगा और सरकार के जरिए यह सुलझता हुआ नजर नहीं आ रहा है।

दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग केस का हवाला दिया गया। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि ये एक महत्वपूर्ण विषय है। सॉलिसिटर जनरल ने अदालत से अपील की है कि हरीश साल्वे ऐसे ही एक मामले में दलील देना चाहते हैं। हालांकि, जज की ओर से हरीश साल्वे को बहस में शामिल करने से इनकार कर दिया गया।

सिंघु बॉर्डर: कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए पेट्रोल पंप को टेंट सिटी में बदला गया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमारी कंडीशन देख कर फाउंडेशन वालों ने ये टेंट लगवाए। इनमें अब ठंड नहीं लगती। इसके लिए कोई पैसा नहीं लिया जाता। इसका सारा रख रखाव यही करते हैं।”

DCP नोएडा राजेश सिंह ने कहा कि, BKU (भानु) के लोगों ने आज फिर से चिल्ला बॉर्डर (नोएडा से दिल्ली जाने के रास्ते) को ब्लॉक कर दिया है। इनकी मांग है कि जंतर-मंतर पर जाकर प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली पुलिस ने तुरंत बैरिकेड लगा दिया है। हमलोग बातचीत कर रहे हैं और इनको समझा रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन (भानु) प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने कहा, मेरी चार दिन से भूख हड़ताल चल रही है। हम यहां शांतिपूर्वक बैठे थे लेकिन हमारे लोगों को DND पर रोका जा रहा है इसलिए अभी रोड ब्लॉक करेंगे। जब तक सारे लोग नहीं आ जाते हम किसी को नहीं जाने देंगे।

ADCP नोएडा रणविजय सिंह ने कहा कि, ऐसा कुछ नहीं है इन्हें कोई कन्फ्यूज़न था जो दूर कर दिया गया है। किसान शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। दोनों तरफ से ट्रैफिक की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। संगठन के लोग यहां आते-जाते रहते हैं। उनके नेतृत्व से बात करने के बाद चीजें मैनेज हो जाती हैं।

नोएडा: कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली की तरफ जा रहे नोएडा लिंक रोड को ब्लॉक किया।

कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर पंजाब के कांग्रेस सांसदों का प्रदर्शन जारी। कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने कहा, “हमारा यहां आज दसवां दिन है। राहुल जी ने कहा है जिस दिन कांग्रेस की सरकार बनेगी कैबिनेट की पहली ही बैठक में ये कानून खत्म कर दिए जाएंगे।”