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चले थे मोदी विरोधी महंगाई के मसले पर केंद्र सरकार को घेरने, निर्मला सीतारमण ने अपने ट्वीट से कर दिया दूध का दूध और पानी का पानी

जरा ध्यान दीजिएगा…. निर्मला सीतारमण ने अपने पहले ट्वीट में दो पहलुओं का जिक्र कया है। जहां एक तरफ बढ़ती महंगाई का जिक्र किया है, तो वहीं उन्होंने दूसरी तरफ मोदी सरकार की कार्यकुशलता के आगे इसके धराशायी होने का जिक्र भी किया है, जिसकी चर्चा अभी सोशल मीडिया पर व्यापक स्तर पर देखने को मिल रही है। बहरहाल, उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में क्या कुछ कहा है। आइए, आपको बताते हैं।

नई दिल्ली। यूं तो देश का विपक्षी दल किसी न किसी ऐसे मसले की ताक में रहता ही है, जिससे कि केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला जा सकें और काफी हद तक कह सकते हैं कि विपक्षी दल इस दिशा में सफल भी रहते हैं, लेकिन अभी जो खबर सामने आई है। यकीन मानिए, अगर हमारे देश के विपक्षी दलों को पता लगा, तो वे अपना माथा पीटने लग जाएंगे। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसी कौन सी खबर है। जिसे जानकर विपक्षी दल अपना माथा पीटने लग जाएंगे। जरा कुछ खुलकर बताएंगे। तो आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिलसिलेवार तरीके से तीन ट्वीट किए हैं, जिसमें उन्होंने दो पहलुओं को बयां करने की कोशिश की है। जहां एक तरफ भावी चुनौतियों का जिक्र किया है, तो वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार की कार्यकुशलता का बखान किया है।

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जरा ध्यान दीजिएगा…. निर्मला सीतारमण ने अपने पहले ट्वीट में दो पहलुओं का जिक्र कया है। जहां एक तरफ बढ़ती महंगाई का जिक्र किया है, तो वहीं उन्होंने दूसरी तरफ मोदी सरकार की कार्यकुशलता के आगे इसके धराशायी होने का जिक्र भी किया है, जिसकी चर्चा अभी सोशल मीडिया पर व्यापक स्तर पर देखने को मिल रही है। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में कहा है कि, ‘ हाल ही में यूएनडीपी की एक रिपोर्ट “विकासशील देशों में रहने की लागत के संकट को संबोधित करना” से पता चलता है कि मुद्रास्फीति का भारत में गरीबी पर केवल एक नगण्य प्रभाव होगा, यह कहते हुए कि लक्षित स्थानान्तरण (जैसे कि भारत क्या कर रहा है) गरीब परिवारों को कीमत से निपटने में मदद करता है।

दरअसल, उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि.’ रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य और ऊर्जा मुद्रास्फीति वैश्विक स्तर पर 71 मिलियन लोगों को गरीबी में धकेल सकती है। यह भी कहता है कि “हम पाते हैं कि लक्षित और समयबद्ध नकद हस्तांतरण प्रभावों को दूर करने के लिए सबसे प्रभावी नीति उपकरण हैं। इस दौरान उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में वैश्विक स्तर पर 71 मिलियन लोगों के गरीबी में धकेले जाने का जिक्र किया है, तो वहीं उन्होंने दूसरी उन्होंने इस कहर से निजात पाने की हिदायत भी दे डाली है। चलिए, अब उनके द्वारा किए गए आखिरी और तीसरे ट्वीट की बात करें।

निर्मला सीतारमण ने अपने तीसरे ट्वीट में कहा है कि, ‘महामारी की शुरुआत से, मोदी सरकार ने पीएमजीकेएवाई और पीएमजीकेवाई के माध्यम से पिरामिड के निचले हिस्से में रहने वालों को भोजन और नकदी के ऐसे लक्षित और समयबद्ध हस्तांतरण को लागू किया है। ये परिणाम इस रणनीति की प्रभावशीलता को उजागर करते हैं।

उधर, उन्होंने अपने तीसरे और आखिरी ट्वीट में महामारी के कारण पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पीएम मोदी ने अपनी सशक्त आर्थिक नीतियों का सहारा लेकर देश की जनता को दुश्वारियों से बचाने में अहम किरदार अदा किया है। बहरहाल , अभी सोशल मीडिया पर निर्मला सीतारमण का यह अभी ट्वीट खासा तेजी से वायरल हो रहा है। जिस पर लोग अलग – अलग तरह से अपना रिएक्शन देते हुए नजर आ रहे हैं।