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Farmers Protest: कृषि कानून वापसी के बाद भी आंदोलन खत्म नहीं हो रहा, राकेश टिकैत ने चला है नया पैंतरा

टिकैत ने कहा है कि पीएम मोदी ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। अब वो बताएं कि किस तरह किसानों की आय दोगुनी हुई है। टिकैत ने ये भी साफ कर दिया कि दिल्ली के बॉर्डर से किसान नहीं हटेंगे। उ

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरुनानक देव की जयंती पर तीन विवादित कृषि कानून वापस लेने का एलान किया था। बुधवार को कैबिनेट ने इसकी मंजूरी भी दे दी है, लेकिन किसान आंदोलन कर रहे नेता और खासकर राकेश टिकैत रोज नए पैंतरे चलकर आंदोलन को जिंदा रखने की कोशिश में जुटे हैं। टिकैत समेत सभी किसान नेताओं ने आंदोलन को फिलहाल खत्म करने से इनकार कर दिया है। मोदी ने जिस तरह कानून वापस लिए, उससे उत्साहित होकर किसान आंदोलनकारियों ने नई मांगें रख दी हैं। राकेश टिकैत ने ऊपर से नया पैंतरा अपनाया है। टिकैत ने कहा है कि पीएम मोदी ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। अब वो बताएं कि किस तरह किसानों की आय दोगुनी हुई है। टिकैत ने ये भी साफ कर दिया कि दिल्ली के बॉर्डर से किसान नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि 27 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगे की रणनीति तय होगी। इसके अलावा टिकैत समेत सभी किसान नेताओं ने सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर कानून बनाने की मांग की है। बता दें कि मोदी ने कृषि कानून वापसी का एलान करने के दौरान कहा था कि एमएसपी पर विशेषज्ञों की एक कमेटी से सुझाव मांगा गया है।

Rakesh Tikait

टिकैत ने इसके साथ ही ये भी साफ कर दिया है कि 29 नवंबर को संसद सत्र शुरू होने के दिन ट्रैक्टर मार्च निकालकर 1000 किसान संसद तक जाएंगे। इससे मोदी सरकार और आंदोलनकारियों के बीच नए टकराव के आसार बन रहे हैं। पुलिस अगर किसानों को रोकती है, तो पिछले साल 26 जनवरी जैसी हिंसा होने की आशंका है। टिकैत ने साफ कह दिया है कि किसी सूरत में ट्रैक्टर मार्च को स्थगित नहीं किया जाएगा। इस बीच खबर है कि दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलनकारियों की तादाद बढ़ रही है।

दूसरी तरफ, कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी नेता आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग जोर-शोर से कर रहे हैं। इस मसले पर संसद के सत्र में जमकर हंगामा भी हो सकता है। विपक्ष की इस मांग पर किसान नेताओं ने भी सहमति दिखाई है। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो यहां तक कहा है कि अगर यूपी में उनकी सरकार बनी, तो यहां के जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए वो देंगे।