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Jammu & Kashmir: फारुख अब्दुल्ला को लगा बड़ा झटका, दो बड़े नेताओं ने छोड़ी पार्टी, बीजेपी में हो सकते हैं शामिल!

Jammu & Kashmir: दरअसल देवेंद्र सिंह राणा की गिनती एनसी के कद्दावर नेताओं में की जाती है। इसी के साथ जम्मू के इलाकों में उनकी बेहद मजबूत पकड़ वाला नेता माना जाता है। नेशनल कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा देने के बाद राणा का अगला कदम क्या होगा इस पर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के बड़े नेता और नॅशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला की पार्टी को बड़ा झटका लगा है। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नॅशनल कांफ्रेंस पार्टी के दो बड़े नेताओं ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। जम्मू संभाग में पार्टी के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। राणा नेशनल कांफ्रेंस के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। इसके साथ ही पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह सलाथिया ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है।

नेशनल कांफ्रेंस को बड़ा झटका!

दरअसल देवेंद्र सिंह राणा की गिनती एनसी के कद्दावर नेताओं में की जाती है। इसी के साथ जम्मू के इलाकों में उनकी बेहद मजबूत पकड़ वाला नेता माना जाता है। नेशनल कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा देने के बाद राणा का अगला कदम क्या होगा इस पर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। लेकिन, सूत्रों के अनुसार वह जल्दी ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। कहा जा रहा है पार्टी इस्तीफा देने से पहले ही राणा की बीजेपी के शीर्ष नेताओं की बातचीत हो चुकी है।

जम्मू के हितों से नही होगा अब समझौता 

जानकारी के लिए बता दें कि पिछले दिनों देवेंद्र सिंह राणा ने फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने मुलाक़ात की थी। कई घंटे तक चली मीटिंग के बाद जब राणा ने कहा था कि अब जम्मू के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जम्मू के लोग विकास, रोजगार व सुशासन में बिना किसी क्षेत्र को दबाए हुए समान अधिकार चाहते हैं और इसके लिए दबना भी नहीं चाहते हैं। उनके इसी बयान से साफ़ हो गया था कि अब वे पार्टी बदल सकते हैं।


बीजेपी में शामिल हो सकते हैं देवेंद्र सिंह राणा

वहीं, पार्टी छोड़ने के बाद देवेंद्र राणा ने कहा, मेरा मानना है कि जम्मू घोषणा को मजबूत करने की जरूरत है। यह जम्मू और कश्मीर के लिए एक आवाज बनेगा और केंद्र शासित प्रदेश और देश को मजबूत करेगा. इसलिए मैंने अपना राजनीतिक रास्ता बदल लिया है। जम्मू कश्मीर में राणा की राजनीतिक पकड़ अच्छी है. उनेक पास प्रशासनिक अनुभव भी है. इतना ही नही, राणा फारुख अब्दुल्ला के राजनीतिक सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके हैं।