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Bihar: जातिगत गणना में 500 करोड़ खर्च कर रहे बिहार के CM नीतीश कुमार, वहीं उनके राज्य का शख्स बेटे का शव पाने के लिए मांगता दिखा भीख

दीया तले अंधेरा इसी को कहते हैं। एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार जातिगत गणना कराने के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च करने वाले हैं। वहीं, उनके ही राज्य में एक गरीब पिता को बेटे का शव पाने के लिए घूस के वास्ते भीख मांगते देखा गया है। ये मामला बिहार के समस्तीपुर का है।

समस्तीपुर। दीया तले अंधेरा इसी को कहते हैं। एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार जातिगत गणना कराने के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च करने वाले हैं। वहीं, उनके ही राज्य में एक गरीब पिता को बेटे का शव पाने के लिए घूस के वास्ते भीख मांगते देखा गया है। ये मामला बिहार के समस्तीपुर का है। यहां के ताजपुर थाना इलाके के कस्बे आहार गांव में रहने वाले महेश ठाकुर से पोस्टमॉर्टम का काम देखने वाले एक कर्मचारी ने बेटे का शव देने के लिए 50000 रुपए की मांग की है। महेश के पास पैसा नहीं है, इसलिए वो भीख मांगकर इस पैसे का जुगाड़ करते दिखे।

महेश ठाकुर के मुताबिक 25 साल का बेटा संजीव लापता हो गया था। पुलिस में रिपोर्ट की थी। 7 जून को पता चला कि पुलिस को एक शव मिला है। थाने पहुंचे, तो बताया गया कि लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है। वो अस्पताल पहुंचे। वहां पहले पोस्टमॉर्टम हाउस के कर्मचारी ने शव दिखाने में आनाकानी की। महेश ने काफी गुहार लगाई। जिसके बाद शव दिखाया गया। महेश ने उसकी पहचान संजीव के तौर पर की। इसके बाद शव देने की बात उन्होंने की। महेश का आरोप है कि इस पर कर्मचारी ने उनसे घूस मांगी।

murder large

महेश के मुताबिक कर्मचारी ने 50 हजार रुपए देने पर ही शव हवाले करने की बात कही। गरीब महेश ने कहा कि उनके पास इतनी रकम नहीं है। उन्होंने अपनी व्यथा कही। रोए, लेकिन कर्मचारी नहीं पसीजा। बेटे का शव पाने के लिए ऐसे में उनके पास भीख मांगने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा। वो गांव-गांव घूमकर भीख से घूस के 50000 रुपए इकट्ठा करते देखे गए। किसी ने उनका वीडियो बना लिया और ये वीडियो वायरल हो गया। बिहार में गरीबी की वजह से लोगों को परेशान होते कई बार देखा गया है, लेकिन जब पिता को ही बेटे का शव पाने के लिए भीख मांगनी पड़े, तो नीतीश कुमार की सरकार के कामकाज के तरीकों और ‘बिहार में बहार है’ के नारों पर सवालिया निशान लगने लगते हैं।