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Uttar Pradesh: चौरी-चौरा जन प्रतिरोध के सेनानी आश्रित का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

Uttar Pradesh: चौरी-चौरा (Chauri Chaura) जन प्रतिरोध के सेनानी आश्रित कोदई राय के पुत्र हरिओम राय ने डीहघाट गांव के समीप राप्ती नदी के तट पर उन्हें मुखाग्नि दी। सेनानी के निधन की सूचना पर एसडीएम पवन कुमार, तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा, बरही चौकी रुद्र प्रताप सिंह पहुंचे और शव को कंधा दिया और उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया। पुलिसकर्मियों ने सैल्यूट करके उन्हें अंतिम सलामी दी।

गोरखपुर। चौरी-चौरा जन प्रतिरोध में कारावास की सजा काटने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय रामधारी राय के पुत्र कोदई राय (90 वर्ष) का शुक्रवार की सुबह बीमारी के कारण गोरखपुर के एक अस्पताल में निधन हो गया। सेनानियों के आश्रितों को सम्मान दिलाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

चौरी-चौरा जन प्रतिरोध के सेनानी आश्रित कोदई राय के पुत्र हरिओम राय ने डीहघाट गांव के समीप राप्ती नदी के तट पर उन्हें मुखाग्नि दी। सेनानी के निधन की सूचना पर एसडीएम पवन कुमार, तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा, बरही चौकी रुद्र प्रताप सिंह पहुंचे और शव को कंधा दिया और उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया। पुलिसकर्मियों ने सैल्यूट करके उन्हें अंतिम सलामी दी।

चौरी-चौरा की घटना में जेल गए थे कोदई राय के पिता रामधारी राय

Chori chora

झंगहा क्षेत्र के डीहघाट निवासी कोदई राय समय के साथ अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में पहुंच गए थे। उनके पिता स्व. रामधारी राय को ब्रिटिश हुकूमत ने सजा सुनाते हुए उन्हें जेल में डाल दिया था। जेल में सजा काटने के दौरान ही उनकी मौत हो गई थी। जब उनकी मौत हुई थी, उस समय कोदई राय मात्र 4 वर्ष के थे। इतने लंबे समय बीतने के बाद चार फरवरी को सम्मान पाने का उन्हें एक मौका भी मिला था लेकिन गुरुवार सुबह उनकी तबियत अचानक खराब हो गई थी। परिजन उन्हें इलाज के लिए गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराए। राय के न पहुंच पाने के कारण परिवार से उनके पुत्र हरिओम राय समारोह में पहुंचे थे।