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Rana Ayyub: हिजाब विवाद पर BBC को दिए इंटरव्यू में राणा अयूब ने हिंदू छात्रों को बताया था ‘आतंकवादी’, अब पुलिस ने कसा शिकंजा

Rana Ayyub: बीबीसी को दिए इंटरव्यू में पत्रकार राणा अयूब ने कर्नाटक के जिला उड्डपी स्थित कॉलेज में हिजाब का विरोध कर रहे और कॉलेज परिसर में भगवा झंडा फहराने वाले छात्र को आतंकवादी करार दे दिया था। जिसे संज्ञान में लेने के बाद 21 फरवरी को हिंदू आईटी सेल ने पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी।

नई दिल्ली। अगर आप पत्रकारिय जगत की हस्तियों के बारे में तनिक भी दिलचस्पी रखते हैं, तब तो फिर ऐसा हो ही नहीं सकता कि आपने केंद्र सरकार की कट्टर आलोचक और पत्रकार राणा अयूब के बारे में नहीं सुना हो। राणा अयूब किसी न किसी मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने में मशगूल ही रहती है। इसी कड़ी में बीते दिनों में उन्होंने हिजाब विवाद को लेकर बीबीसी को एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने खुलकर केंद्र सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने विभिन्न तरह से अपनी राय रखकर केंद्र की मोदी सरकार को सवालिया कठघरे में खड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि आखिर केंद्र सरकार कौन होती यह तय करने वाली की कौन क्या पहनेगा और क्या नहीं। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी की खूब दुहाई दी थी। लेकिन इसी बीच उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया कि उनके खिलाफ अब एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। आइए, आपको पूरा मामला तफसील से बताते हैं कि आखिर क्यों पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

दरअसल, बीबीसी को दिए इंटरव्यू में पत्रकार राणा अयूब ने कर्नाटक के जिला उड्डपी स्थित कॉलेज में हिजाब का विरोध कर रहे और कॉलेज परिसर में भगवा झंडा फहराने वाले छात्र को आतंकवादी करार दे दिया था। जिसे संज्ञान में लेने के बाद 21 फरवरी को हिंदू आईटी सेल ने पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी। बता दें कि राणा अयूब ने बीबीसी को दिए अपने इंटरव्यू में सवालिया लहजे में कहा था कि आखिर कोई छात्र कैसे शिक्षण परिसर में धर्म विशेष का झंडा फहरा सकता है। जिसके एवज में उन्होंने हिंदू छात्रों को आतंकवादी तक करार दे दिया था।

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ध्यान रहे कि इससे पहले भी राणा अयूब के खिलाफ धनशोधन मामले में प्रर्वतन निदेशलाय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके करोड़ों रूपए जब्त कर चुके हैं। कथित तौर पर राणा ने कोरोना काल में गरीबों की मदद के नाम पर फंड के जरिए उक्त रकम प्राप्त किए थे, लेकिन इसका सही जगह पर इस्तेमाल न करते हुए उन्होंने अपने परिजनों के खातों के मार्फत अपने निजी उपभोग में इनका उपभोग किया।  जिसे संज्ञान में लेने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ क़ड़ी कार्रवाई की  है। बता दें कि राणा अयूब कई पत्रकारिय संगठनों में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं और वर्तमान में स्वतंत्र पत्रकार के रूप में कार्य कर रही हैं।