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I.N.D.I.A Vs NDA: विपक्ष के इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच आज पहला मुकाबला, 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव

दोनों ही गठबंधनों की ये अग्निपरीक्षा है। इसकी वजह ये है कि आने वाले चंद महीनों में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हैं। इसके अलावा 2024 यानी अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आज जो चुनाव हो रहे हैं, उसे दोनों के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा है।

नई दिल्ली। विपक्ष के इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच आज पहला मुकाबला हो रहा है। 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर ये मुकाबला है। जाहिर है, दोनों ही गठबंधनों की ये अग्निपरीक्षा है। इसकी वजह ये है कि आने वाले चंद महीनों में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हैं। इसके अलावा 2024 यानी अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। आज जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उसके नतीजे एक मायने में तय करेंगे कि जनता के दिल में एनडीए बसा हुआ है या वो अब विपक्षी दलों के गठबंधन की तरफ झुकाव रखने लगी है।

voting

 

अब आपको बताते हैं कि किन राज्यों की किन विधानसभा सीटों पर इंडिया बनाम एनडीए की आज जंग है। यूपी की घोसी सीट के अलावा उत्तराखंड की बागेश्वर सीट, पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी, त्रिपुरा की धनपुर और बोक्सानगर, केरल की पुथुपल्ली और झारखंड की डुमरी सीट पर ये चुनाव आज हो रहे हैं। इनमें से यूपी, उत्तराखंड और त्रिपुरा में बीजेपी नीत एनडीए की सरकारें हैं। वहीं, अन्य राज्यों में इंडिया गठबंधन की सरकारें शासन कर रही हैं। अगर बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन, इंडिया गठबंधन के राज्यों में भी जीत दर्ज करता है, तो इससे विपक्ष को झटका लग सकता है। वहीं, अगर विपक्ष ने बीजेपी शासित राज्यों में जीत दर्ज कर ली, तो इससे इंडिया गठबंधन का उत्साह दोगुना हो जाएगा।

आज जिन विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं, उनका नतीजा 8 सितंबर को आएगा। इन चुनावों में कई जगह विपक्ष ने एनडीए प्रत्याशी के मुकाबले एक ही प्रत्याशी उतारा है। इस प्रयोग से विपक्ष ये भी देखना चाह रहा है कि अगर लोकसभा चुनाव में वो बीजेपी और एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ साझा प्रत्याशी खड़ा करे, तो उसे जनता का कितना समर्थन मिलने की उम्मीद है। बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन को ये फॉर्मूला सुझाया है कि एनडीए के खिलाफ हर जगह विपक्ष का एक ही उम्मीदवार मैदान में उतरे। नीतीश का कहना है कि इससे वोट नहीं बटेंगे और बीजेपी नीत एनडीए को केंद्र की सत्ता से बाहर करने का मौका मिलेगा।