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Uttar Pradesh: बाढ़ ने मचाई तबाही, वाराणसी में ग्राउंड जीरो पर हालात का जायजा लेने पहुंचे सीएम योगी, बोट से कर रहे निरीक्षण

Uttar Pradesh: योगी आदित्यनाथ 2 दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री योगी जब वाराणसी पहुंचे तो उसके बाद वह एनडीआरएफ की बोट द्वारा गंगा और वरुणा में मौजूदा बाढ़ की स्थिति को देखने पहुंच गए।  इसके बाद मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ितों से मिलने जेपी मेहता नगर निगम इंटर कॉलेज जाएंगे। यहां बाढ़ पीड़ितों से हालचाल लेने के साथ ही उन्हें राहत सामाग्री का वितरण करेंगे। 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसके चलते 24 जिलों के करीब 605 गांवों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य के 24 जिलों में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 605 हो गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। यहां गंगा का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। गंगा यहां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं वाराणसी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरिक्षण करने सीएम योगी आदित्यनाथ खुद पहुंचे हैं।

up flood

योगी आदित्यनाथ 2 दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री योगी जब वाराणसी पहुंचे तो उसके बाद वह एनडीआरएफ की बोट द्वारा गंगा और वरुणा में मौजूदा बाढ़ की स्थिति को देखने पहुंच गए।  इसके बाद मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ितों से मिलने जेपी मेहता नगर निगम इंटर कॉलेज जाएंगे। यहां बाढ़ पीड़ितों से हालचाल लेने के साथ ही उन्हें राहत सामाग्री का वितरण करेंगे।


सीएम योगी के इस दौरे को लेकर प्रदेश की तरफ से बताया गया कि बाढ़ की स्थिति पर प्रदेश सरकार नजर बनाए हुए है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी मिलते ही त्वरित राहत पहुंचाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी स्वयं प्रदेश के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने के साथ राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं। इसके साथ हीं राहत के साथ भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने हेतु दीर्घकालीन योजना बनाने के लिए भी प्रदेश सरकार प्रयासरत है।

अधिकारियों ने बताया क्यों भयावह हो रहे प्रदेश में बाढ़ से हालात

राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने बताया कि बदायूं, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जिलों में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। उन्होंने कहा कि औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा और प्रयागराज जिलों में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि बेतवा नदी हमीरपुर में उफान पर है। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और इसी तरह गोंडा में कुवानो और उत्तर प्रदेश-राजस्थान सीमा पर चंबल में बह रही है।

हमीरपुर जिले में 75, बांदा में 71, इटावा और जालौन में 67-67, वाराणसी में 42, कौशांबी में 38, चंदौली और गाजीपुर में 37-37, औरैया में 25, कानपुर देहात और प्रयागराज में 24-24, फरु खाबाद में 23, आगरा में 20 और बलिया जिले में 17 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। प्रसाद ने कहा कि मिर्जापुर, गोरखपुर, सीतापुर, मऊ, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बहराइच, गोंडा और कानपुर जिलों के गांवों में भी बाढ़ आई है।

राहत आयुक्त ने कहा, “राज्य सरकार ने नौ जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की नौ टीमों, 11 जिलों में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 11 टीमों और 39 जिलों में प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) की 39 टीमों को राहत और बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है।”

उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने 536 लोगों को बचाया और 504 चिकित्सा टीमों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। इसके अलावा, राज्य में 11,235 बाढ़ चौकियां और 940 बाढ़ आश्रय स्थल बनाए गए हैं और 1,463 नौकाओं को राहत एवं बचाव कार्यों में लगाया गया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के बीच भोजन के पैकेट और सूखा राशन वितरित किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा, “गांवों के साथ-साथ नदी तटबंधों और अन्य संवेदनशील जगहों पर नियमित गश्त की जा रही है। जिला प्रशासन को सामुदायिक रसोई स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। पेट्रोल, डीजल, मिट्टी के तेल और खाद्य पदार्थों जैसी आवश्यक वस्तुओं की बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नियमित आपूर्ति को बनाए रखा जा रहा है।”