नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गृह वापसी कर रहे मजदूरों को मनरेगा के तहत गांवों में काम मिल रहा है। वित्तमंत्री यहां गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान आर्थिक पैकेज की दूसरे किस्त में किसानों, प्रवासी मजदूरों व स्ट्रीट वेंडरों की मदद के लिए किए गए उपायों की घोषणा कर रही थीं।
वित्तमंत्री ने कहा कि देश क्रे 1.87 लाख ग्राम पंचायतों में 2.33 करोड़ श्रमिकों को काम मिला है और मनरेगा के तहत 13 मई तक 14.6 करोड़ मानव कार्य दिवस दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि अब तक मनरेगा के तहत 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। साथ ही, उनकी मजदूरी भी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये प्रति प्रति कार्य दिवस कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत पिछले साल के मुकाबले इस साल मई में मजदूरों की संख्या में 40-50 फीसदी का इजाफा हुआ है।
प्रवासी मजदूरों को मिलेगा कम किराये पर आवास
वित्तमंत्री सीतारमण ने गुरुवार को एक बड़ा एलान करते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों को कम किराये पर सस्ता आवास मुहैया करवाया जाएगा।
मजदूरों को मुफ्त राशन
अगले दो महीने तक सभी प्रवासी मजदूरों को बिना कार्ड के ही 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं या चावल और एक किलो चना प्रति परिवार देगी। इससे करीब 8 करोड़ प्रवासियों को फायदा होगा। इस पर करीब 3500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।
सभी श्रमिकों के लिए एकसमान मजदूरी देने की कोशिश : वित्त मंत्री
देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए की जा रही घोषणाओं के दूसरे दिन वित्त मंत्री ने सभी श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक न्यूनतम मजदूरी की बात की। वित्त मंत्री निर्मला ने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि ये मजदूरी सभी के लिए एकसमान हो। बता दें कि तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संकट के बाद देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी।