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Uttrakhand: उत्तराखंड में शीतकाल की शुरुआत के साथ गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट हो रहे बंद

Uttrakhand:विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज 12 बजकर 15 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो गये हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण तीर्थपुरोहित मौजूद रहे। आज अन्नकूट- गोवर्द्धन पूजा के पर्व पर विधिवित पूजा अर्चना कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए। इस यात्रा वर्ष साढ़े तेईस हजार श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए।

देहरादून। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज 12 बजकर 15 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो गये हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण तीर्थपुरोहित मौजूद रहे। आज अन्नकूट- गोवर्द्धन पूजा के पर्व पर विधिवित पूजा अर्चना कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए। इस यात्रा वर्ष साढ़े तेईस हजार श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए।

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कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर गंगोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, दीपक सेमवाल,राजेश सेमवाल, हरीश सेमवाल सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। कपाट बंद होने तथा उत्सव डोली के प्रस्थान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।

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देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि कल 16 नवंबर भैयादूज के अवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट प्रात: 8.30 बजे एवं यमुनोत्री धाम के कपाट दिन 12 बजकर 15 मिनट पर बंद होंगे। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट गुरुवार 19 नवंबर शाम 3 बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे। द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट भी 19 नवंबर को प्रात: 7 बजे बंद होंगे। जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 4 नवंबर को बंद हुए। चतुर्थ केदार रूद्रनाथ के कपाट 17 अक्टूबर को शीतकाल हेतु बंद हो गये। इस बार मद्महेश्वर की उत्सव डोली 22 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंच रही है। इसी दिन परंपरा के अनुसार मद्महेश्वर मेला भी आयोजित होता है।