newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Mohammad Zubair: मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर जर्मनी ने की टिप्पणी तो भारत ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा…

Mohammad Zubair: कुछ दिन पहले जर्मनी ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर बयान जारी किया था। जर्मनी ने कहा था कि ‘भारत खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताता है। ऐसे में लोकतांत्रिक मूल्यों को उचित सम्मान भी किया जाना चाहिए।  प्रेस की आजादी को जगह दी जाए, ये सब जरूरी हो जाता है’। भारत ने जर्मनी के उसी बयान पर प्रतिक्रिया दी है। 

नई दिल्ली। बीते महीने 27 तारीख कोAlt News के को फाउंडर और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ और समाज में वैमनस्यता फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप था। दिल्ली पुलिस ने 2018 के कथित रूप से जुबैर को एक आपत्तिजनक ट्वीट से दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आईपीसी की धारा 153/295 ए के तहत जुबैर के खिलाफ केस दर्ज किया गया। हालांकि आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से मोहम्मद जुबैर को राहत मिली है। कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर को जमानत दे दी है। आज मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर  सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दर्ज मामले में मोहम्मद जुबैर को पांच दिन की जमानत दे दी है। हालांकि यहां बता दें कि मोहम्मद जुबैर फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। जुबैर दिल्ली पुलिस के न्यायिक हिरासत में रहेंगे।

fact checker mohammad zubair alias zoo bear

सुनवाई के दौरान जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने यूपी सरकार और पुलिस को नोटिस जारी करते हुए कहा कि कुछ शर्तों के साथ जुबैर को अंतरिम जमानत दी जा रही है। हालांकि जुबैर न्यायिक क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकेंगे। इसके साथ ही जब तक मामले में किसी तरह का फैसला नहीं होगा तब तक वो कोई ट्वीट नहीं करेंगे। भले ही कोर्ट की तरफ से जुबैर को राहत दी गई हो लेकिन उनकी गिरफ्तारी पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहने को जहां ये भारत का मामला है लेकिन दूसरे देशों की भी इस मामले पर लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। हाल ही में इस मामले में जर्मनी ने अपने विचार रखे थे और भारत को प्रेस फ्रीडम का सम्मान करने की नसीहत दी थी।

अब जर्मनी की इस नसीहत पर भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि ‘बिना जानकारी के बयान देने से बचना चाहिए। अरिंदम बागची कहते हैं कि एक न्यायिक प्रक्रिया होती है। ऐसे मुद्दों पर किसी तरह का कमेंट करने से बचना चाहिए जो कि विचाराधीन चल रहे हों। वैसे भी पूरी दुनिया में हमारी न्याय प्रणाली की स्वतंत्रता विख्यात है। ऐसे में बिना जानकारी के किसी भी तरह का बयान देने से बचना चाहिए।

INDIAN FLAG 3X2 COMPRESSED

आपको बता दें, कुछ दिन पहले जर्मनी ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर बयान जारी किया था। जर्मनी ने कहा था कि ‘भारत खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताता है। ऐसे में लोकतांत्रिक मूल्यों को उचित सम्मान भी किया जाना चाहिए।  प्रेस की आजादी को जगह दी जाए, ये सब जरूरी हो जाता है’। भारत ने जर्मनी के उसी बयान पर प्रतिक्रिया दी है।