नई दिल्ली। भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा जिन्होंने सदैव देश को सर्वोपरि रखते हुए हमेशा जनहित के काम किए आज पंचतत्व में विलीन हो गए। मुंबई के वर्ली स्थित श्मशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया, जहां हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने ‘भारत के इस अनमोल रतन’ को नम आंखों से आखिरी विदाई दी। रतन टाटा का कल 9 अक्टूबर को देर रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था। वह 86 वर्ष के थे।
महाराष्ट्र: उद्योगपति रतन टाटा का मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया pic.twitter.com/psUTI1Y4pt
— IANS Hindi (@IANSKhabar) October 10, 2024
इससे पहले आज सुबह रतन टाटा के पार्थिव शरीर को मुंबई के नारीमन रोड स्थित राष्ट्रीय कला केंद्र के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) ग्राउंड में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था। देश के तमाम राजनीतिज्ञों से लेकर छोटे-बड़े कारोबारियों, फिल्म जगत से जुड़े लोगों समेत बहुत बड़ी संख्या में आम नागरिकों ने भी अपने चहेते रतन टाटा को वहां पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। विदेश यात्रा के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल नहीं को सके।
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah, Maharashtra CM Eknath Shinde, Gujarat CM Bhupendra Patel, Maharashtra Deputy CM Devendra Fadnavis and other leaders pay tribute to veteran industrialist Ratan Tata, at Worli crematorium in Mumbai. pic.twitter.com/GRzHMn2B7E
— ANI (@ANI) October 10, 2024
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रतन टाटा के अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी भी अपनी पत्नी नीता अंबानी के साथ रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। वर्ली श्मशान में इलेक्ट्रिक अग्निदाह के जरिए रतन टाटा के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया।
#WATCH मुंबई, महाराष्ट्र: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को वर्ली श्मशान घाट पर श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/FjEYo2iaLM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 10, 2024
पारसी होने के बाद हिंदू रीति रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार
रतन टाटा पारसी थे लेकिन उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक हुआ। उसके पीछे कारण यह है कि पारसी लोगों के शवों को टावर ऑफ साइलेंस में रखा जाता है। टावर ऑफ साइलेंस एक ऐसी जगह होती है जहां पारसी लोग अपने प्रियजनों की मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को प्रकृति के हवाले कर देते हैं, मतलब उनका शरीर गिद्धों के लिए छोड़ दिया जाता है। मगर अब शहरों में गिद्ध भी विलुप्त हो गए हैं ऐसे में धीरे-धीरे इस प्रक्रिया में भी बदलाव लाया जा रहा है। यही कारण है कि रतन टाटा का अंतिम संस्कार इस तरह से किया गया।