नई दिल्ली। केरल, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के केस को देखते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अलर्ट हो गई है। वायरस की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सरकार ने जरूरी दवाइयों का एक महीने का बफर स्टॉक बनाना शुरू कर दिया है। ताकि तीसरी लहर के आने पर दूसरी लहर के दौरान दवाइयों के लिए मची हायतौबा इस बार न हो। कोरोना के मरीजों की जान बचाने के लिए जरूरी दवाइयों के अलावा केंद्र सरकार पैरासिटामॉल, एंटिबायोटिक और विटामिन्स का भी बफर स्टॉक तैयार कर रही है। इसके अलावा वैक्सीन बनाने वाली दोनों कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को 66 करोड़ डोज के लिए ऑर्डर दिया जा चुका है।
सरकार ने तीसरी लहर आने से पहले ही 50 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक बनाने की योजना तैयार की है। इस इंजेक्शन की मांग दूसरी लहर में काफी हो गई थी। जिसकी वजह से कालाबाजारी हुई और मरीजों के रिश्तेदारों को लाखों रुपए खर्च कर इंजेक्शन खरीदने पड़े थे। वहीं, देशभर में पीएम केयर्स फंड से ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम भी तेजी से जारी है। यूपी की बात करें, तो यहां रविवार तक 170 से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लग चुके थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO कह चुका है कि दुनिया तेजी से कोरोना की तीसरी लहर की तरफ बढ़ रही है। इसका कारण वायरस का डेल्टा वैरिएंट है। देश में केरल, महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले तीसरी लहर की शुरुआत के संकेत देने लगे हैं। ऐसे में पीएम मोदी के निर्देश पर पूरी सरकारी मशीनरी इससे निपटने में जुट गई है।
नीति आयोग के मेंबर डॉ. वीके पॉल ने बीते दिनों कहा था कि फिलहाल भारत में हर्ड इम्युनिटी नहीं बनी है। इस वजह से खतरा ज्यादा है। हर्ड इम्युनिटी तब बनती है, जब जनसंख्या का करीब 70 फीसदी हिस्सा वायरस से पीड़ित हो चुका होता है। पॉल ने ये भी साफ कह दिया था कि अगले 100 से 135 दिन देश के हिसाब से बहुत अहम हैं। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से अपने यहां किसी भी जगह भीड़भाड़ न होने देने के निर्देश दिए हैं।