नई दिल्ली। कोरोना वॉरियर्स पर हो रहे लगातार हमले को लेकर अब केंद्र की मोदी सरकार सख्त हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक अध्यादेश पास किया गया है, जिसके बाद अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इसमें 3 महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कई जगह डॉक्टरों के खिलाफ हमले की जानकारी आ रही हैं, सरकार इन्हें बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार इसके लिए एक अध्यादेश लाई है। जिसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेडिकलकर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी, 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी होगी। 1 साल के अंदर फैसला लाया जाएगा, जबकि 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है।
Amendment to be made to Epidemic Diseases Act, 1897 and Ordinance will be implemented. Such crime will now be cognizable & non-bailable. Investigation will be done within 30 days. Accused can be sentenced from 3 months-5 yrs & penalised from Rs 50,000 upto Rs 2 Lakh: P Javadekar https://t.co/x3B5vjYZ8s
— ANI (@ANI) April 22, 2020
इसके अलावा गंभीर मामलों में 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।अध्यादेश के अनुसार, अगर किसी ने स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला किया तो मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा भरपाई की जाएगी।
If damage is done to the vehicles or clinics of healthcare workers, then a compensation amounting to twice the market value of the damaged property will be taken from the accused: Union Minister Prakash Javadekar pic.twitter.com/XOM6tDP5QA
— ANI (@ANI) April 22, 2020
देश के कई स्थानों पर चिकित्सा कर्मियों पर हमले की घटनाओं की पृष्ठभूमि में मोदी सरकार ने ये फैसला लिया है। इससे पहले भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने कोरोना वायरस संकट के दौरान अपनी ड्यूटी कर रहे डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों के विरोध में एक प्रदर्शन का फैसला लिया था। बाद में आईएमए ने सरकार से आश्वासन मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया।