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Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी से दिल्ली तक ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज अहम सुनवाई, निचली अदालत और सुप्रीम कोर्ट पर सबकी नजरें

वाराणसी में इस मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में सुनवाई होगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा के कोर्ट में मस्जिद कमेटी की अर्जी पर सुनवाई होनी है।

वाराणसी/नई दिल्ली। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर आज अहम दिन है। आज इस मामले में वाराणसी से लेकर दिल्ली तक अलग-अलग अदालतों में सुनवाई है। वाराणसी में इस मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में सुनवाई होगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा के कोर्ट में मस्जिद कमेटी की अर्जी पर सुनवाई होनी है। पहले आपको बताते हैं कि वाराणसी में किस मसले पर सुनवाई होगी। इस मामले में वादी पक्ष की रेखा पाठक, मंजू व्यास और सीता साहू की तरफ से मंगलवार को अर्जी दी गई ती कि ज्ञानवापी में जहां शिवलिंग जैसी आकृति मिली है, वहां दर्शन पूजन की मंजूरी मिले।

Gyanvapi Row...

वादी पक्ष ने निचली अदालत में दी गई अर्जी में ये भी मांग की है कि वजूखाने पर मिले शिवलिंग के नीचे और नंदी महाराज के सामने तहखाने के उत्तरी और पूर्वी दिशाओं में चुनी गई दीवारों को तोड़कर एक बार फिर सर्वे कराया जाए। परिसर में कई जगह रखी बांस-बल्ली, ईंट और बालू को हटाकर भी सर्वे करने की मांग की गई है। जज दिवाकर ने इस पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और अन्य प्रतिवादियों से आपत्ति मांगी है। माना जा रहा है कि आज इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट कोई अहम फैसला कर सकता है। निचली अदालत में ये सुनवाई 12 बजे होने की उम्मीद है।

supreme court

उधर, सुप्रीम कोर्ट में मसाजिद कमेटी की ओर से सर्वे पर रोक की अर्जी पर जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा की अदालत एक बार फिर सुनवाई करेगी। इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने मस्जिद कमेटी, वादी पक्ष और यूपी सरकार को सुनने के बाद आदेश दिया था कि शिवलिंग वाली आकृति को सुरक्षित रखा जाए। साथ ही कोर्ट ने निचली अदालत में चल रहे केस को रोकने की मांग ठुकरा दी थी। इसके अलावा निचली अदालत की तरफ से नमाज के लिए सिर्फ 20 लोगों को जाने की इजाजत को भी रद्द कर दिया था। आज इस मसले पर मसाजिद कमेटी के अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड AIMPLB की तरफ से भी वकील सुप्रीम कोर्ट में बहस करते दिख सकते हैं।