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कोरोना के प्रकोप के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने भारत को लेकर दी अच्छी खबर

उन्होंने कहा कि वर्तमान में पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग पर चर्चा करने के लिए एससीओ के भीतर कोई संस्थागत तंत्र नहीं है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2014-2023 को पूरा करने की क्षमता रखता हो।

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शनिवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आंकड़ें जारी करते हुए बताया कि, भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 48 हजार 916 नए मामले सामने आए हैं और 757 मौतें हुईं हैं। इसके अलावा कुल मामलों की बात करें तो देशभर में कोरोना के कुल 13 लाख 36 हजार 861 मामले हो चुके हैं। इस बीच कोरोना को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बड़ी जानकारी दी है।

Coronavirus

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत दुनिया में कोरोनावायरस से सबसे कम संक्रमण और मृत्यु दर वाले देशों में से एक है तथा यहां कोविड-19 से संक्रमित लोगों के ठीक होने की दर 63.45 प्रतिशत है जबकि मृत्यु दर 2.3 प्रतिशत है। इस बीच देश में लगातार तीसरे दिन कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 24 घंटे की अवधि में 34,602 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गयी। मंत्रालय ने कहा कि स्वस्थ हुए कुल लोगों की संख्या 8,17,208 हो गयी है। मंत्रालय ने सुबह आठ बजे जारी ताजा आंकड़ों में कहा कि संक्रमण से मृत्यु की दर कम होकर 2.38 प्रतिशत हो गयी है।

DR harshvardhan

बता दें कि हर्षवर्धन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की डिजिटल बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रति दस लाख आबादी पर 864 मामले सामने आने और 21 से कम मरीजों की मृत्यु के साथ भारत दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे कम संक्रमण और मृत्यु दर वाले देशों में से एक है। बयान के अनुसार, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार कोरोना महामारी के दौरान आम लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

DR Harsh Vardhan

उन्होंने कहा कि वर्तमान में पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग पर चर्चा करने के लिए एससीओ के भीतर कोई संस्थागत तंत्र नहीं है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2014-2023 को पूरा करने की क्षमता रखता हो। हर्षवर्धन ने महामारियों से निपटने में सहयोग पर 2018 में किंगदाओ शिखर सम्मेलन में हस्ताक्षरित संयुक्त वक्तव्य के प्रभावी कार्यान्वयन पर भी जोर दिया। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन के स्वास्थ्य मंत्रियों की मौजूदा संस्थागत बैठकों के तहत पारंपरिक चिकित्सा पर एक नए उप समूह की स्थापना का प्रस्ताव रखा।

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हर्षवर्धन ने कोविड-19 की चपेट में आने की वजह से दुनिया भर में हुई मौतों पर अपनी संवेदना व्यक्त की। इस महामारी को काबू करने के लिए भारत की राजनीतिक प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी की है और जानलेवा वायरस को फैलने से रोकने के लिए सक्रिय और क्रमिक प्रतिक्रिया सुनिश्चित की। हर्षवर्धन ने इस बीमारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से चर्चा की।

हर्षवर्धन ने कहा कि घातक वायरस पर काबू पाने के लिए क्रमबद्ध तरीके से कार्रवाई शुरू की गई जिसमें यात्रा परामर्श जारी करना, शहर या राज्यों में प्रवेश के स्थानों की निगरानी, समुदाय आधारित निगरानी, प्रयोगशाला तथा अस्पतालों की क्षमता बढ़ाना आदि शामिल था। उन्होंने कहा कि लगातार लॉकडाउन के दौरान भारत को तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने, प्रयोगशालाओं की क्षमता और अस्पतालों के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए आवश्यक समय और अवसर भी मिला।