नई दिल्ली। कोरोना को लेकर दिल्ली में हालत बेहद खराब होते जा रहे हैं। कोरोना की पहली और दूसरी पीक में भी दिल्ली में हालात इतने बदतर नहीं थे। अरविंद केजरीवाल की सरकार इस बात की ओर इशारा कर चुकी है की कोरोना का तीसरा पीक अब आ गया है। राज्य में हर रोज 6000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और इससे होनेवाली मौत के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि उनकी सरकार इसको लेकर पूरी तरह से सचेत है। वहीं दिल्ली सरकार हाईकोर्ट के उस फैसले को लेकर भी बयान दे रही थी जिसमें कोर्ट ने सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी थी जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के सभी प्राइवेट अस्पतालों में 80 प्रतिशत बेड कोरोना के लिए रिजर्व किया जाए।
बीते कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना फिर से अपना सिर उठा रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ऐसे में ज्यादा सख्त हो गई है उनकी तरफ से दिल्ली सरकार के खिलाफ इस मामले में सख्त टिप्पणी की गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज दिल्ली सरकार को इस मामले में आड़े हाथों लिया है।
गुरुवार के दिन दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी में बढ़ते कोरोना के मामले पर दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोरोना महमारी दिल्ली सरकार पर पूरी तरह से हावी हो चुकी है। जल्द ही दिल्ली कोरोना कैपिटल बनने जा रही है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर कहा कि आपके प्रयास पूरी तरह विफल हो रहे हैं। जबकि आपको बता दें कि दिल्ली सरकार अपने द्वारा की गई कोशिशों को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही थी और इससे पहले इसी दिल्ली मॉडल को कोरोना रोकने में सबसे मददगार बताकर पूरे देश में लागू करने के लिए कह रही थी।
वहीं कोरोना के दिल्ली में तेज प्रसार मामले की सुनवाई जस्टिस हीमा कोहली और एस प्रसाद की बेंच ने की। नगर निगम सेवानिवृति कर्मचारी कल्याण समिति ने इस बाबत कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इसी मामले पर आज कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर टिप्पणी की है।
बेंच ने कहा कि दिल्ली में जिस तरीके से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उससे लगता है कि जल्द ही दिल्ली कोरोना राजधानी बन जाएगी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के प्रयासों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने कई दावे किए थे कि देश में सबसे अधिक जांच दिल्ली में हो रहे हैं बावजूद इसके कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी दिख रही है।
दिल्ली में मृत्युदर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा, अब तक 6652 लोगों की जा चुकी है जान
सर्वश्रेष्ठ चिकित्सीय सेवाएं देने वाले शहरों में से एक राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है। स्थिति यह है कि पिछले आठ में से सात दिन रोज 40 से ज्यादा लोगों ने संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया है। इतना ही नहीं दिल्ली में मृत्युदर राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है।
बेहतर उपचार और आईसीयू केयर होने के बावजूद राजधानी में मौत के बढ़ते आंकड़े गंभीर सवाल खड़ा कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार अब तक राजधानी में कोरोना वायरस से 6652 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में कोरोना वायरस की मृत्युदर 1.65 फीसदी है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 1.49 फीसदी है।