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Hijab Row: महिलाओं का ड्रेस नहीं है हिजाब, केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने बताया कुरान के हिसाब से अर्थ

कि पैगंबर के परिवार की एक युवती थी। वो काफी खूबसूरत थी। उसने बुरखा पहनने से इनकार कर दिया था। पैगंबर की इस भतीजी ने कहा था कि वो चाहती है कि लोग उसकी सुंदरता देखे और ये जानें कि ईश्वर ने किस तरह सुंदर बनाकर उसपर कृपा की है।

नई दिल्ली। हिजाब कभी इस्लाम का हिस्सा नहीं रहा। कुरान में हिजाब के बारे में 7 बार कहा गया है, लेकिन इसका मुस्लिम महिलाओं के ड्रेस कोड से कोई वास्ता नहीं है। कुरान के हिसाब से हिजाब का मतलब पर्दा है। यानी जब आप किसी से बात करते हैं, तो उसके और आपके बीच पर्दा होना चाहिए। ये बात केरल के गवर्नर और इस्लाम के जानकार आरिफ मोहम्मद खान ने मीडिया से बातचीत में कही है। आरिफ मोहम्मद ने कहा कि हिजाब विवाद खड़ा करने वाले तर्क दे रहे हैं कि सिखों को स्कूलों में पगड़ी पहनने की मंजूरी है, लेकिन मुसलमान लड़कियों को हिजाब नहीं पहनने दिया जा रहा है, जो बेकार की बात है। उन्होंने कहा कि सिख धर्म का अनिवार्य हिस्सा पगड़ी है, लेकिन कुरान में हिजाब को जरूरी नहीं बताया गया है।

Hijab and bhagva

खान ने कहा कि हिजाब विवाद से मुस्लिम महिला तरक्की के रास्ते पर नहीं चल सकेंगी। उन्होंने इतिहास का हवाला देते हुए बताया कि पैगंबर के परिवार की एक युवती थी। वो काफी खूबसूरत थी। उसने बुरखा पहनने से इनकार कर दिया था। पैगंबर की इस भतीजी ने कहा था कि वो चाहती है कि लोग उसकी सुंदरता देखे और ये जानें कि ईश्वर ने किस तरह सुंदर बनाकर उसपर कृपा की है। केरल के गवर्नर ने बताया कि पैगंबर के दौर और उसके काफी बाद तक अरब में जो मकान बनते थे, उनमें कोई दरवाजा नहीं होता था। इस वजह से तब पर्दा लगाया जाता था, ताकि प्राइवेसी बनी रहे। इसी को हिजाब कहा गया है।

hijab row

उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में ये भी बताया कि उस दौर में महिलाओं को अपना चेहरा ढकने की कोई जरूरत नहीं पड़ती थी। वो अलग से एक दुपट्टा अपने गले के आसपास डालती थीं, ताकि उनमें और गुलाम बनाई गई महिलाओं में फर्क पता चल सके। उस दुपट्टे को भी कभी हिजाब नहीं कहा गया। बता दें कि कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब कई राज्यों में फैल चुका है और कट्टरपंथी इस मामले को लगातार तूल दे रहे हैं। विवाद की वजह से से कर्नाटक के कॉलेजों को अब भी बंद रखा गया है। वहीं, हाईकोर्ट ने छात्रों को किसी भी तरह के धार्मिक प्रतीकों के साथ स्कूल-कॉलेज जाने पर फिलहाल रोक लगाई हुई है।