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Video: 21 साल पहले जल संकट से जूझ रहे गुजरात में कैसे पहुंचाया पानी, अमित शाह ने वीडियो शेयर कर बताया मोदी ने ऐसे किया काम

Gujarat: अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, ”21 वर्ष पहले पानी की बूंद-बूंद को तरसते गुजरात के हर घर को आज नल से जल मिल रहा है। गुजरात से जल संकट दूर करने की मोदी जी की दूरदर्शिता और परिश्रम को दर्शाती इस वीडियो को हर देशवासी व विशेषकर गुजरात की युवा पीढ़ी को अवश्य देखना चाहिए।”

नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख ऐलान होने के साथ ही राज्य में सियासी पारा भी तेज हो चुका है। सभी दल लोगों को लुभाने के लिए अपने अगले पांच साल के विजन बताने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही पिछले कई सालों से राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा जनता को ये बताने का प्रयास कर रही है कि उन्होंने किस तरह से गुजरात का विकास कैसे किया और किस तरह से गुजरात के विकास मॉडल को देश ही नहीं विश्वभर में प्रदर्शित किया। इसी क्रम में 21 साल पहले कैसे बिना पानी के राज्य में हालात थे लोगों को जल संकट से निकाला गया है। इसको लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो साझा किया है। इस वीडियो के माध्यम से दिखाया कि कैसे 2001 में जलसंकट से गुजर रहे गुजरात को तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने दूर किया है। उनकी दूर दर्शाता को इस वीडियो के माध्यम से दिखाया गया है।

3 मिनट के इस वीडियो में अमित शाह ने दिखाया है कि कैसे 21 साल पहले जल संकट से जूझ रहे गुजरात को नरेंद्र मोदी कैसे पानी पहुंचाया। इसके साथ ही उनके विजन ने बूंद-बूंद के लिए तरसते गुजरात कैसे आज हर घर को नल से जल मिल पाया है। उन्होंने इस वीडियो के माध्यम से बताया कि पीएम मोदी ने कैसे ये कमाल किया है। अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, ”21 वर्ष पहले पानी की बूंद-बूंद को तरसते गुजरात के हर घर को आज नल से जल मिल रहा है। गुजरात से जल संकट दूर करने की मोदी जी की दूरदर्शिता और परिश्रम को दर्शाती इस वीडियो को हर देशवासी व विशेषकर गुजरात की युवा पीढ़ी को अवश्य देखना चाहिए।”

वीडियो में दिखाया गया है कि साल 1975 में पानी का स्तर 30 मीटर था। जो कि साल 2001 में 200 मीटर तक पहुंच गया था। बता दें कि साल 2001 में ही नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम के तौर पर कमान संभाली थी। तत्कालीन मोदी नीत गुजरात सरकार ने पानी की संकट को दूर करने के लिए विभिन्न योजनाओं के जरिए 1,126 किलोमीटर लंबी नहरों का लंबा जाल बिछाया और जिसके जरिए लोगों के घरों में तक पानी पहुंचाया। इसके अलावा नर्मदा बांध की ऊंचाई बढ़ाकर 138.68 मीटर की गई थी।