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गुरुग्राम में छोटे बच्चे के मन में भारत के खिलाफ घोला जा रहा जहर, पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाते हुए वीडियो हुआ वायरल

सोशल मीडिया पर गुरुग्राम की एक वीडियो वायरल हो रही है। जिसमें एक छोटा बच्चा भारत के खिलाफ नारा लगाते नजर आ रहा है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि किस तरह बच्चे के मन में जहर घोला जा रहा है। वीडियो में बच्चे के साथ-साथ एक शख्स की भी आवाज आ रही है।

गुरुग्राम। सोशल मीडिया पर गुरुग्राम का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक छोटा बच्चा भारत के खिलाफ नारा लगाते नजर आ रहा है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि किस तरह बच्चे के मन में जहर घोला जा रहा है। वीडियो में बच्चे के साथ-साथ एक शख्स की भी आवाज आ रही है। बताया जा रहा है कि ये शख्स बच्चे के पिता हैं। वीडियो में बच्चे को पाकिस्तान जिंदाबाद और भारत मुर्दाबाद कहते सुना जा सकता है। तो वहीं, रोसिना नासिरो नामक महिला को बच्चे की मां बताया जा रहा है। जो अपना अलग दुखड़ा गा रही हैं। एक तरफ वो बच्चे को घर में देश के खिलाफ बातें सिखा रही हैं तो दूसरी तरफ खुद के साथ अन्याय की बात बता कर विक्टिम कार्ड प्ले कर रही हैं।

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इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अंकुर सिंह नाम के यूजर्स ने शेयर किया है। जिसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा- ‘गुरुग्राम में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा? इंपीरियल गार्डन सोसाइटी, गुरुग्राम के निवासियों ने अनवर सैयद फैजुल्ला हाशमी के खिलाफ ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ और ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने के लिए शिकायत दर्ज कराई है।’

अंकुर सिंह के इस पोस्ट के मुताबिक, ये वीडियो गुरुग्राम के इंपीरियल गार्डन सोसाइटी का है, जिसमें हिंदुस्तान मुर्दाबाद और पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया जा रहा है। मामला सामने आते ही निवासियों ने अनवर सैयद फैजुल्ला हाशमी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

उधर, बच्चे की मां बताई जा रही रोसिना नासिरो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की प्रोफेसर हैं। 40 वर्षीय रोसीना ने कुलपति ममीडाला जगदीश कुमार और सीएसएसईआईपी की अध्यक्ष यागती चिन्ना पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनकी अल्पसंख्यक (मुस्लिम) पहचान के कारण उनके साथ भेदभाव, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने अपना ये दुखड़ा मीडिया के आगे भी रोया है।

अब महिला ने डीएमसी से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि उसे दो “शक्तिशाली” पुरुषों द्वारा नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है और उसे अपनी और अपने बच्चे की सुरक्षा का डर है। पत्र में कहा गया है, “मुझे ऐसा लगता है कि अगर मैं सीएसएसईआईपी में फैकल्टी का पद नहीं छोड़ूंगी, तो मैं नजीब (जेएनयू छात्र जो अपने छात्रावास से तीन साल पहले लापता हो गया था और अभी भी लापता है) की तरह गायब हो जाउंगी।”