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Don’s Wife: बड़ी सिरदर्द बनी हैं मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद की बीवियां, शाइस्ता और अफशां को तलाशने में पुलिस हलकान

Don’s Wife: अतीक अहमद के सुपुर्द-ए-खाक में शाइस्ता परवीन शामिल नहीं हुई थी। ठीक उसी तरह अफशां अंसारी भी अपने पति मुख्तार अंसारी के सुपुर्द-ए-खाक में नहीं आई। यूपी पुलिस तमाम जुगत लगाकर भी शाइस्ता परवीन और अफशां अंसारी को आज तक तलाश नहीं सकी है।

गाजीपुर। जैसा माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने किया, ठीक वैसा ही कदम माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी ने भी उठाया। अतीक अहमद के सुपुर्द-ए-खाक में शाइस्ता परवीन शामिल नहीं हुई थी। ठीक उसी तरह अफशां अंसारी भी अपने पति मुख्तार अंसारी के सुपुर्द-ए-खाक में नहीं आई। दोनों ही यूपी पुलिस के लिए बड़ी सरदर्द बनी हैं। दरअसल, शाइस्ता की तरह ही अफशां को भी अपनी गिरफ्तारी का डर है। अफशां करीब 2 साल से फरार है। एक के बाद एक 16 केस अफशां पर पुलिस ने दर्ज कर रखे हैं। अफशां और मुख्तार का बड़ा बेटा विधायक अब्बास अंसारी अभी कासगंज की जेल में है। अब्बास की पत्नी को कुछ वक्त पहले ही जमानत मिली है। जबकि, छोटे बेटे उमर अंसारी पर भी तमाम केस हैं और वो भी जमानत पर हैं।

उम्मीद कम ही थी कि माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर उसकी पत्नी अफशां अंसारी गाजीपुर के मोहम्मदाबाद पहुंचेगी। ऐसा ही हुआ। हालांकि, अफशां के पहुंचने पर उसकी पहचान के लिए पूरे मोहम्मदाबाद में पुलिस की इंटेलिजेंस को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया था। दो महिलाएं बुरखे में मुख्तार के घर पहुंचीं, तो एक बारगी चर्चा ये हुई कि इनमें अफशां अंसारी तो नहीं है? हालांकि कुछ ही देर में इस चर्चा ने दम तोड़ दिया। इसके बाद तो मुख्तार अंसारी को दफनाए जाने की तैयारी शुरू हो गई और फिर हजारों लोगों की भीड़ के कंधे पर माफिया डॉन की अर्थी निकली और कालीबाग कब्रिस्तान पहुंच गई।

अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन (बाएं) और मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी (दाएं)।

अफशां अंसारी आखिर है कहां? यूपी पुलिस और एसटीएफ भी आज तक इसका पता नहीं लगा पाए हैं। मुख्तार अंसारी की पत्नी पर 75000 रुपए का इनाम होने के बाद भी कोई सुराग नहीं लग सका है। अतीक की बीवी शाइस्ता की तरह मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी पर भी गैंगस्टर एक्ट लगा हुआ है। पुलिस जिस तरह शाइस्ता की लंबे अर्से से तलाश में जुटी है, ठीक उसी तरह अफशां अंसारी को भी तलाश रही है। क्या कभी शाइस्ता और अफशां अंसारी तक कानून के हाथ पहुंचेंगे? इस सवाल का जवाब मिलना फिलहाल टेढ़ी खीर है।