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Sidhu Moosewala: एक महीने में दो बार इंटेलिजेंस चूक, लेकिन पत्रकारों के सवालों का जवाब दिए बिना चले गए पंजाब के डीजीपी

एक ही महीने में दो बड़ी वारदात। पहले मोहाली में पुलिस इंटेलिजेंस के मुख्यालय पर रॉकेट से आतंकी हमला। फिर सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला का मर्डर। इन दोनों ही घटनाओं में पंजाब पुलिस का इंटेलिजेंस नाकाम रहा। पंजाब पुलिस पता ही नहीं लगा सकी कि दोनों घटनाओं की साजिश कितनी गहरी रची गई।

चंडीगढ़। एक ही महीने में दो बड़ी वारदात। पहले मोहाली में पुलिस इंटेलिजेंस के मुख्यालय पर रॉकेट से आतंकी हमला। फिर सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला का मर्डर। इन दोनों ही घटनाओं में पंजाब पुलिस का इंटेलिजेंस नाकाम रहा। पंजाब पुलिस पता ही नहीं लगा सकी कि दोनों घटनाओं की साजिश कितनी गहरी रची गई। पुलिस कह रही है कि सिद्धू की सुरक्षा घटाई गई थी। उनको दो कमांडो और बुलेटप्रूफ कार दी गई थी। घटना के वक्त न तो कमांडो थे और न ही बुलेटप्रूफ कार ही थी। इससे पहले जब पुलिस के इंटेलिजेंस मुख्यालय पर रॉकेट से हमला हुआ था, तो पुलिस ने पहले कहा था कि वहां रखे पुराने विस्फोटक में धमाका हुआ है। बाद में पता चला कि रॉकेट से हमला किया गया।

इंटेलिजेंस के इस फेल्योर पर मीडिया के लोग तमाम सवालों के साथ डीजीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे, लेकिन डीजीपी वीके भवरा ने अपनी बात रखने के बाद उनके सवालों का जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा। वो साथी अफसरों के साथ उठकर चल दिए और पत्रकार उनसे सवाल का जवाब देने की गुहार लगाते रह गए। अब डीजीपी ने ऐसा क्यों किया, इसे लेकर तमाम तरह की बातें हो रही हैं। घूम फिरकर ये बातें आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से रोक लगाए जाने का इशारा कर रही हैं।

Sidhu Moose Wala

पंजाब में बीते कुछ समय से हालात काफी बिगड़े हैं। लुधियाना में खालिस्तान समर्थकों ने रैली भी निकाली थी। इसके अलावा दो जगह सरकारी दफ्तरों पर खालिस्तानी झंडा लगाया गया था और दीवारों पर नारे लिखे गए थे। इन सबके बावजूद पंजाब सरकार पर हालात को न समझने का आरोप अब लग रहा है। हालात किस कदर बिगड़े हैं, ये इसी से पता चलता है कि जालंधर में बीते कल पंजाब पुलिस के एक एएसआई की भी हत्या सड़क पर कर दी गई। हत्या किसने और क्यों की, इसका पता भी पुलिस अभी नहीं लगा सकी है।